पंजाब और हरियाणा दोनों राज्यों में प्री-मॉनसून सीज़न में अब तक अच्छी बारिश हुई है। 16 मई तक के आंकड़ों के अनुसार पंजाब में 7 प्रतिशत (+/- 19 सामान्य)बारिश की कमी है। जबकि, हरियाणा का इलाका पंजाब की तुलना में बेहतर है क्योंकि यहां 0 प्रतिशत की कमी के साथ सामान्य बारिश हुई है। पिछले कुछ दिनों से, पंजाब और हरियाणा में गरज के साथ बारिश रिकॉर्ड हुई है। इसके अलावा दोनों राज्यों के एक-दो स्थानों पर ओलावृष्टि भी हुई है।
मई के महीने में आने के बावजूद भी पश्चिमी विक्षोभ, पश्चिमी हिमालय के इलाकों को प्रभावित कर रहा है। इस मौसम प्रणाली के कारण उत्तरी मैदानी भागों पर चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। इसके अलावा, दक्षिण-पश्चिमी हवाओं की मदद से अरब सागर की तरफ से नमी वाली हवाएं भी आ रही है। इन्ही मौसमी सिस्टमों की वजह से पंजाब और हरियाणा में गरज के साथ बारिश देखने को मिल रही है।
स्काइमेट उम्मीद करता है कि, पंजाब और हरियाणा में हो रही यह प्री-मॉनसून गतिविधियां अगले 24 से 48 घंटों तक जारी रहेगी। इसके बाद, पश्चिमी विक्षोभ के दूर चले जाने से भले ही दो से तीन दिनों का अंतर होगा लेकिन 22 मई के आसपास फिर से गरज के साथ बारिश की संभावना बनी हुई है।
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हालांकि, ऐसा तब होगा जब पश्चिमी विक्षोभ, इससे प्रभावित साइक्लोनिक सर्कुलेशन और अरब सागर से नमी वाले हवाएं एक बार फिर से शुरू होंगे।
इन सभी मौसमी प्रणाली को देखते हुए, स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि कम से कम अगले एक सप्ताह तक पंजाब और हरियाणा में गर्म मौसम की स्थिति से राहत मिलेगी।
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