इस समय देश के लगभग सभी राज्यों में मौसम साफ और शुष्क बना हुआ है। लंबे समय से जारी शुष्क मौसम के चलते ही देश भर में सर्दियों की बारिश सामान्य से 16% नीचे पहुंच गई है। यह स्थिति 1 जनवरी से लेकर 13 फरवरी के बीच की है। इस दौरान बारिश में कमी मध्य, उत्तर और पूर्वी तथा पूर्वोत्तर राज्यों में रही है। पूर्वी और पूर्वोत्तर राज्यों में सामान्य से 73% कम वर्षा रिकॉर्ड की गई है। मध्य भारत में सामान्य से 64% कम बारिश हुई है और उत्तर पश्चिम भारत के राज्यों में सामान्य से 34% कम वर्षा दर्ज की गई है। इस दौरान दक्षिण भारत ही एक मात्र ऐसा क्षेत्र रहा है जहां सामान्य से अधिक वर्षा दर्ज की गई। दक्षिण भारत में जहां 1 जनवरी से 13 फरवरी के बीच औसतन 11 मिलीमीटर वर्षा होती है वहां दर्ज की गई 46 मिलीमीटर जो सामान्य से 324% ज्यादा है।
आने वाले दिनों में इस मौसम में बदलाव देखने को मिल सकता है। यह बदलाव 16 फरवरी से अपेक्षित है। उससे पहले समूचे भारत में इसी तरह से मौसम शुष्क बना रहेगा। एक विपरीत चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र इस समय मध्य भारत पर है, जो धीरे-धीरे ओडिशा की तरफ आगे बढ़ेगा। इसके अलावा एक ट्रफ केरल से लेकर मराठवाड़ा तक बनी है। यह दोनों सिस्टम धीरे-धीरे और प्रभावी होंगे और दो विपरीत दिशा की हवाएं मध्य भारत पर पहुंचेंगी जिससे मध्य भारत में 16 फरवरी से मौसम में बदलाव आएगा और बारिश शुरू होगी।
बारिश की शुरुआत छत्तीसगढ़ के कुछ इलाकों, पूर्वी और दक्षिणी पूर्वी मध्य प्रदेश तथा विदर्भ से होगी। धीरे-धीरे बारिश की गतिविधियां मध्य प्रदेश के बाकी भागों और महाराष्ट्र के कुछ और इलाकों तथा गुजरात के पूर्वी क्षेत्रों में भी कहीं-कहीं देखने को मिल सकती है। 16 से 18 फरवरी के बीच दक्षिणी राज्यों में भी कुछ स्थानों पर वर्षा होने की संभावना है। दक्षिण भारत में मुख्यतः केरल और तटीय कर्नाटक के शहर प्रभावित हो सकते हैं। तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में मौसम मुख्यतः साफ रहेगा। तेलंगाना में भी कुछ स्थानों पर वर्षा होने की संभावना नजर आ रही है। इस बारिश से मध्य भारत में जो 64% की कमी है उसमें सुधार देखने को मिल सकता है।
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