
मार्च अप्रैल और मई प्री मानसून के महीने हैं। उत्तर पश्चिम और मध्य भारत में प्री-मानसून सीजन के दौरान अधिकतम तापमान में वृद्धि होती है। उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत के कुछ हिस्सों में प्री-मानसून गतिविधियाँ आमतौर पर मार्च के उत्तरार्ध में शुरू होती हैं।
इस साल फरवरी में ही तापमान बढ़ना शुरू हो जाता है और मार्च की शुरुआत से ही राजस्थान के कुछ हिस्सों में प्री-मानसून गतिविधियां शुरू हो जाती हैं। पिछले 24 घंटों के दौरान राजस्थान में ओलावृष्टि और तेज हवाओं के साथ बारिश और बौछारें पड़ चुकी हैं।
मध्य प्रदेश के पश्चिमी जिलों, गुजरात के दक्षिणी हिस्सों और विदर्भ के कई हिस्सों, उत्तर मध्य महाराष्ट्र और उत्तरी कोंकण और गोवा में भी अगले 3 से 4 दिनों में बारिश और गरज के साथ छींटे देखने को मिलेंगे। महाराष्ट्र की तुलना में गुजरात में बारिश की तीव्रता कम होगी। विदर्भ के कुछ हिस्सों में ओलावृष्टि की गतिविधियां भी देखी जा सकती हैं।
मौसम की इन गतिविधियों की मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिलेगी। प्री-मानसून बारिश से निश्चित रूप से फसलों को फायदा होगा लेकिन ओलावृष्टि और तेज हवाएं खड़ी फसलों को नुकसान पहुंचा सकती हैं।