उत्तर भारत में एक साथ कई मौसमी सिस्टम सक्रिय हुए हैं जिसके चलते पहाड़ों पर जम्मू कश्मीर से लेकर लद्दाख, हिमाचल प्रदेश के कुछ इलाकों में बारिश की गतिविधियां शुरू हो गई हैं। बारिश में धीरे-धीरे बढ़ोत्तरी होने की संभावना है। वर्तमान मौसमी स्थितियों को देखते हुए स्काइमेट का आकलन है कि अगले 48 घंटों के दौरान जम्मू कश्मीर से लेकर गिलगित बालटिस्तान, मुजफ्फराबाद, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में कुछ स्थानों पर गरज के साथ हल्की से मध्यम बारिश और हिमपात होगा।
2 फरवरी की सुबह 8:30 बजे से 3 फरवरी की सुबह 8:30 बजे के बीच 24 घंटों की अवधि में जम्मू कश्मीर के गुलमर्ग में 14 मिलीमीटर की वर्षा और बर्फबारी हुई। श्रीनगर में 1 मिलीमीटर और काजीगुंड में 0.2 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई। इसी दौरान पंजाब के अमृतसर में भी 2 मिलिमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई। हरियाणा के तराई क्षेत्रों में कुछ जगहों पर गरज के साथ बूँदाबाँदी की गतिविधियां देखने को मिलीं।
अगले 48 घंटों के दौरान हम उम्मीद कर रहे हैं कि पंजाब और हरियाणा के तराई क्षेत्र में कई जगहों पर हल्की से मध्यम वर्षा हो सकती है। बारिश के साथ बादलों की गर्जना होने तथा हवाएं चलने की भी आशंका है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आज शाम या रात से बादल दिखाई दे सकते हैं। 4 फरवरी को दिल्ली में भी छिटपुट बारिश होने की संभावना है जबकि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के भागों में 4 फरवरी से बारिश शुरू होगी और धीरे-धीरे मध्य तथा पूर्वी भागों में 5 और 6 फरवरी को बारिश की गतिविधियां देखने को मिलेंगी।
राजस्थान के उत्तर पूर्वी भागों में वर्षा की संभावना है। फिलहाल राजस्थान बारिश से ज्यादा प्रभावित नहीं होगा। मौसम में आए बदलाव से उत्तर भारत के पर्वतीय और मैदानी इलाकों में न्यूनतम तापमान ऊपर पहुंच गया है जिसके चलते शीतलहर का प्रकोप फिलहाल खत्म हो गया है और लोगों को कड़ाके की ठंड से राहत मिल गई है। हालांकि मौसमी हलचल उत्तर भारत से जैसे ही समाप्त होगी उम्मीद है कि 5 और 6 फरवरी से उत्तरी और पश्चिमी ठंडी हवाएं चलनी शुरू होंगी जिससे लोगों को सर्दी की वापसी का एहसास होगा। हालांकि अब तापमान 4-5 डिग्री के स्तर पर नहीं जाएगा जिससे भीषण शीतलहर जैसे हालात पैदा की आशंका खत्म हो गई है।
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