जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में 10 से 12 दिसम्बर के बीच अच्छी वर्षा और बर्फबारी के बाद से मौसम शुष्क है। इस दौरान उत्तराखंड के भी कुछ इलाकों में बारिश और हिमपात देखने को मिला था। उसके बाद से उत्तर भारत में किसी सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के ना होने के चलते पहाड़ी स्थानों पर एक सप्ताह से मौसम शुष्क बना हुआ है। हालांकि इस दौरान कश्मीर के पहाड़ों पर हल्की वर्षा और छिटपुट बर्फबारी देखने को मिली।
पिछले 24 घंटों से पश्चिमी हिमालयी भागों में मौसम पूरी तरह से शुष्क है। इस बीच एक नया पश्चिमी विक्षोभ भारत के हिमालयी भागों के पास पहुँचने वाला है। यह सिस्टम इस समय उत्तरी पाकिस्तान पर है और अगले 24 घंटों में जम्मू कश्मीर के करीब पहुँच जाएगा। इसके प्रभाव से जम्मू कश्मीर में कुछ स्थानों पर वर्षा और बर्फबारी होने की संभावना है। हिमाचल प्रदेश के ऊंचे स्थानों पर भी कहीं-कहीं बारिश और हिमपात का अनुमान है। उत्तराखंड के उत्तरी हिस्सों में बादल छाए रह सकते हैं। हालांकि मौसम शुष्क रहेगा।
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स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के आंकलन के अनुसार कश्मीर और हिमाचल में मौसमी हलचल 21 दिसम्बर तक जारी रहेगी। हालांकि यह सिस्टम बहुत प्रभावी नहीं है जिससे भारी हिमपात जैसी संभावना फिलहाल नहीं है। कह सकते हैं कि इस दौरान हिमस्खलन, बर्फीले तूफान और बर्फबारी के चलते सड़कें बंद होने जैसी स्थितियों की आशंका नहीं है। भारी बर्फबारी के साथ आमतौर पर जान-माल के खतरे की आशंका जुड़ी रहती है, फिलहाल ऐसी स्थिति देखने को नहीं मिलेगी।
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पश्चिमी विक्षोभ के आने के बाद बदले मौसमी परिदृश्य के बीच न्यूनतम तापमान में वृद्धि होने और दिन के तापमान में गिरावट होने की संभावना है। किसी तरह के खतरे की आशंका ना होने के बीच सैलानियों के लिए यह समय सही कहा जा सकता है। पवित्र तीर्थ स्थल वैष्णो देवी के दर्शन के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं को बारिश और बर्फबारी का सामना नहीं करना पड़ेगा। गुलमर्ग, पहलगाम, सोनमर्ग, लेह और अन्य ऊंचे पर्वतीय स्थानों पर बर्फबारी का नज़ारा मिल सकता है।
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