देश के मध्य भागों, विशेष रूप से मध्य प्रदेश, विदर्भ और छत्तीसगढ़ में पिछले 2-3 दिनों से व्यापक प्री-मॉनसून गतिविधियाँ हो रही हैं। इस बीच एक नया पश्चिमी विक्षोभ पश्चिमी हिमालय के करीब पहुंच रहा है। 20 मार्च की रात तक जम्मू कश्मीर, गिलगित बाल्टिस्तान और मुजफ्फराबाद समेत उत्तर भारत के पहाड़ों पर बारिश शुरू हो जाएगी। 21 और 22 मार्च को हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों सहित ऊपरी राज्यों में मध्यम से भारी बारिश और गरज के साथ बौछारें पड़ने के साथ भारी हिमपात का अनुमान है। यह गतिविधियाँ उत्तराखंड में भी 22 मार्च से 24 मार्च के बीच देखने को मिलेंगी।
देश के उत्तरी मैदानी राज्यों पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के पश्चिमी भागों में भी 21 मार्च से हल्की बारिश शुरू होने की संभावना है। श्रीगंगानगर, बीकानेर, जोधपुर, जैसलमेर और बाड़मेर समेत राजस्थान के उन अधिकांश जिलों में वर्षा हो सकती है जहां लंबे समय से मौसम साफ और शुष्क बना हुआ है।
पंजाब, उत्तरी राजस्थान, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और दिल्ली-एनसीआर के कई हिस्सों में 22 मार्च को बारिश की तीव्रता सबसे अधिक होगी जब इन राज्यों में हल्की से मध्यम बारिश और गरज के साथ बौछारें पड़ सकती हैं। कुछ स्थानों पर 30 से 40 किमी प्रति घंटे से तेज़ हवाएँ भी चल सकती हैं।
पहाड़ों पर बारिश और हिमपात तथा मैदानी इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश के साथ तेज़ हवाएँ चलने और कहीं-कहीं पर गर्जना के साथ ओले गिरने की संभावना 23 मार्च तक बनी रहेगी। 24 मार्च से मौसमी सिस्टम कमजोर हो जाएंगे और मौसमी हलचल काफी कम हो जाएगी।
दूसरी ओर मध्य भारत में 23 मार्च से गतिविधियां बढ़ेंगी और उम्मीद है कि विदर्भ, मराठवाड़ा, मध्य महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में 23 और 24 मार्च को हल्की से मध्यम बारिश देखने को मिलेगी। गुजरात में भी आसमान पर बादल छाए रहने के आसार इस दौरान हैं।
बारिश के चलते उत्तर-पश्चिम से लेकर मध्य भारत तक बढ़ते तापमान में लगाम लगेगी और 26-27 मार्च तक ठंडी हवाओं का असर रहेगा जिससे गर्मी से मार्च के आखिर तक लोगों को राहत मिलती रहेगी।
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