पंजाब, हरियाणा और दिल्ली सहित उत्तर भारत के मैदानी भागों में 13 फरवरी से बारिश हो रही है। कुछ इलाकों में ओले भी गिरे हैं। इसके कारण उत्तर भारत के राज्यों में फसलों को नुकसान पहुंचा है। बारिश और बर्फबारी की संभावना पहले से ही थी। स्काइमेट ने इस बारे में अपनी वेबसाइट के माध्यम से अच्छी बारिश और ओलावृष्टि की संभावना जताई थी।
इन भागों में बारिश का कारण है जम्मू कश्मीर के पास बना पश्चिमी विक्षोभ। इसके चलते मैदानी भागों पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र विकसित हुआ था और एक ट्रफ रेखा दिल्ली के करीब से मध्य प्रदेश तक विकसित हो गई थी। इन सिस्टमों के प्रभाव से ही 13 फरवरी को मौसम ने करवट ली और पंजाब तथा हरियाणा के अधिकांश शहरों में अच्छी बारिश दर्ज की गई।
अमृतसर, पटियाला, लुधियाना, फतेहगढ़ साहिब, फ़तेहाबाद, करनाल, कुरुक्षेत्र, पानीपत, यमुनानगर सहित आसपास के भागों में बारिश के साथ कहीं-कहीं ओले भी गिरे हैं। साथ ही तेज़ हवाएँ भी चल रही थीं जिससे आलू, गेहूं, सरसों, सहित अनेक फसलों को नुकसान हुआ है। इस बेमौसम की बारिश से फसलों की गुणवत्ता भी खराब हुई है।
यह सिस्टम अब कमजोर हो रहे हैं और धीरे-धीरे पूर्वी दिशा में जा रहे हैं। इसके चलते दोनों उत्तरी राज्यों में बारिश कम हो जाएगी। हालांकि अगले 24 घंटों तक रुक-रुक हल्की वर्षा कहीं-कहीं हो सकती है। उसके बाद 15 फरवरी से दोनों राज्यों में मौसम अगले 4-5 दिनों के लिए साफ हो जाएगा।
मौसम विशेषज्ञों की मानें तो 20 फरवरी से एक नया पश्चिमी विक्षोभ उत्तर के पहाड़ों के करीब आएगा जिससे पहाड़ों से लेकर मैदानी भागों तक का मौसम फिर से बदलेगा। अनुमान लगाया जा रहा है कि 20 से 22 फरवरी के बीच पंजाब और हरियाणा के कुछ शहरों में गरज के साथ अच्छी बारिश होने के आसार हैं। उस दौरान भी ओले गिर सकते हैं। इसके चलते परिपक्व अवस्था में पहुंची फसलों को काफी नुकसान हो सकता है।
Image credit: The Tribune
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