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[Hindi] उत्तर भारत में फसलों पर मौसम पड़ेगा भारी; ओलों से हो सकता है नुकसान

February 13, 2019 6:00 PM |


Updated on Feb 13, at 02:00 PM उत्तर भारत में फसलों पर मौसम पड़ेगा भारी; ओलों से हो सकता है नुकसान

बुधवार को पश्चिमी विक्षोभ जम्मू कश्मीर के और करीब आ गया। मध्य पाकिस्तान पर चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र भी विकसित हो गया। इसके अलावा एक ट्रफ भी बन गई है। यानि मौसमी सिस्टम संकेत कर रहे हैं कि पहले जिस तरह से अनुमान लगाया गया था उत्तर भारत में मौसम उसी दिशा में बदलाव करने जा रहा है।

आज पंजाब और हरियाणा के साथ-साथ आसपास भागों में बादल बढ़ गए। धीरे-धीरे बादल और घने हो जाएंगे। अनुमान है कि आज रात से बारिश की गतिविधियां कुछ स्थानों पर शुरू होंगी और कल से बढ़ जाएंगी। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार बारिश के साथ ओलावृष्टि की संभाव्यता काफी है जिससे फसलों को नुकसान होने की आशंका भी है।

Originally published on Feb 12, 2019 at 01:00 PM पंजाब, हरियाणा, दिल्ली में इस हफ्ते भी फसलों पर ओले ढा सकते हैं सितम

फरवरी का महीना उत्तर, मध्य और पूर्वी भारत में ओलावृष्टि के लिए भी जाना जाता है। इसकी पहली झलक फरवरी के पहले हफ्ते में ही देखने को मिली। अनेक स्थानों पर भारी बारिश और ओलों ने तमाम फसलों को नुकसान पहुंचाया। कहानी यहीं ख़त्म नहीं हुई है। दूसरा सप्ताह भी आफ़त लेकर आ रहा है। अगले कुछ दिनों के दौरान पंजाब से बिहार तक और मध्य प्रदेश तक बारिश के साथ ओलावृष्टि होने की संभावना है।

स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार एक नया और प्रभावी पश्चिमी विक्षोभ जम्मू कश्मीर के पास आ गया है। इसके कारण मैदानी क्षेत्रों में भी मौसमी सिस्टम विकसित होंगे। पश्चिमी विक्षोभ के चलते बादल पहले से दिखाई देने लगे हैं। 13 फरवरी की शाम से उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में बादल और बढ़ेंगे। अनुमान है कि पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्रों और दिल्ली-एनसीआर में 13 फरवरी की शाम या रात में ही हल्की वर्षा शुरू हो जाएगी।

आने वाली बारिश के दौर की सबसे ज्यादा हलचल 14 फरवरी को देखने को मिलेगी, जब समूचे पंजाब के साथ साथ हरियाणा के लगभग सभी क्षेत्रों, उत्तरी राजस्थान, दिल्ली, उत्तर-पश्चिमी मध्य प्रदेश और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सभी हिस्सों में बारिश होने के आसार हैं। मौसम विशेषज्ञों का आकलन है कि इस बार बारिश और ओलावृष्टि की तीव्रता सबसे ज्यादा अमृतसर, गुरदासपुर, पठानकोट, होशियारपुर, कुरुक्षेत्र, यमुनानगर, अंबाला, करनाल,पंचकुला, चंडीगढ़, मुरादाबाद, सहारनपुर, बरेली और आसपास के भागों में देखने को मिलेगी।

बारिश के कारण तमाम रबी फसलों को नुकसान होने की आशंका है, जो पहले ही 6-7 फरवरी की भारी बारिश और ओलावृष्टि से प्रभावित हुई हैं।स्काइमेट की कृषि से जुड़ी टीम का अंकलन है कि पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गेहूँ की खड़ी फसल खेतों में गिर गई है। इसके अलावा सरसों और चारा वाली फसलें भी गिरी पड़ी हैं। माना जा रहा है कि 14-15 फरवरी को भी उत्तर भारत के कृषि प्रधान राज्यों में फसलों के लिए चुनौती बढ़ेगी। जलभराव और ओलावृष्टि के कारण आलू, मटर, गेहूँ और सरसों सहित अनेक फसलों को काफी नुकसान हो सकता है।

अनुमान है कि 15 फरवरी के बाद मैदानी भागों में मौसम में हलचल कम हो जाएगी क्योंकि यह सिस्टम पूर्वी दिशा में चले जाएंगे जिससे 16 फरवरी से पूर्वी भारत और मध्य भारत के राज्यों में बारिश और बर्फबारी देखने को मिलेगी।

Image credit: The Tribune

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