3 सितंबर को पंजाब में मौसम मुख्यतः शुष्क रहेगा। हालांकि जालंधर, पठानकोट और आसपास के उत्तरी इलाकों में एक-दो स्थानों पर हल्की बारिश हो सकती है।
पंजाब में 4 सितंबर से मौसम बदलेगा। 4 से 6 के बीच लुधियाना, पटियाला, बरनाला, मोगा, फतेहगढ़ साहिब, फाजिल्का, फ़रीदकोट और अमृतसर सहित पंजाब के कई जिलों में बारिश की गतिविधियां बढ़ने की संभावना है। इस दौरान देश के सबसे उन्नत और आधुनिक खेती की विधि अपनाने वाले राज्य पंजाब के ज़्यादातर भागों में हल्की से मध्यम मॉनसूनी बौछारें दर्ज की जा सकती हैं।
7 सितंबर को फिर से मॉनसून कमजोर हो जाएगा और हल्की बारिश कुछ स्थानों पर ही सीमित रहेगी। उसके बाद 8 और 9 सितंबर को पंजाब के लगभग सभी भागों में मौसम शुष्क हो जाएगा। ज़ाहिर है तापमान बढ़ेगा और लोगों को गर्मी परेशान करेगी।
जरूरी फसल सलाह
इस सप्ताह में मौसम का मिलाजुला रूप देखने को मिला सकता है। नमी और उमस के कारण धान की फसल में विभिन्न कीटों का प्रकोप हो सकता है।
राइस हिस्पा के गर्ब धान की पट्टियाँ छेद कर के पत्तियों को नुकसान पहुंचाते हैं व पत्तियों में सफ़ेद धारियाँ बन जाती हैं। इसकी रोकथाम के लिए 800 मि.ली. एक्साडस 25 ई.सी. को प्रति 100 लीटर पानी में मिलाकर छिड़कें।
प्लांट होप्पर के वयस्क व निम्फ़ पौधे का रस चूस कर पौधों को नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे पौधे सूखने लगते हैं, इसकी रोकथाम के लिए 1 लीटर कोराजेन या 40 मि.ली. कोन्फ़िडोर 100 लीटर पानी में मिलाकर छिड़कें।
इस समय धान में शीथ ब्लाइट होने की संभावना भी बढ़ गई है। शीथ ब्लाइट के कारण पत्तियों पर भूरे-हरे धब्बे बन जाते हैं, जिसकी किनारी बैंगनी रंग की होती है, जिसके कारण दाने कम बनते हैं। इसकी रोकथाम के लिए खेतों से अत्यधिक पानी को निकाल दें। यदि लक्षण दिखाई दें तो अमृतसर टॉप 325 एस.सी. टिल्ट या बम्पर 25 ई.सी. 200 लीटर पानी में मिलाकर छिड़कें। सिंचाई मिट्टी की नमी को देखते हुए करें।
Image credit: The Hindu
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