राजस्थान के अधिकांश जगहों पर जून में अच्छी मात्रा में बारिश दर्ज की गई। पंजाब और हरियाणा में भी जून में सामान्य वर्षा दर्ज की गई। हालांकि जुलाई के शुरुआती कुछ दिनों के दौरान इन भागों में मौसम बिलकुल शुष्क हो गया था। बारिश की गतिविधियां घटने से पंजाब और हरियाणा में औसत बारिश के आंकड़ों में कमी आ गई थी। राजस्थान में भी बारिश के आंकड़ों सामान्य से नीचे चले गए थे।
हालांकि बीते 2 दिन इन तीनों राज्यों के लिए बारिश के लिहाज से अच्छे साबित हुये हैं। पंजाब, हरियाणा और उत्तरी राजस्थान में इस दौरान कई जगहों पर पर्याप्त बारिश दर्ज की गई है। स्काइमेट के अनुसार पिछले 24 घंटों के दौरान पंजाब के फ़िरोज़पुर में 100 मिलीमीटर बारिश हुई, फरीदकोट में 45 मिमी और भटिंडा में 18 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गई है। इसी तरह हरियाणा के करनाल में 38.6 मिमी, राजस्थान के श्रीगंगानगर में 31.7 मिमी और हनुमानगढ़ में 21 मिमी वर्षा दर्ज की गई है।
उत्तर भारत में बने पश्चिमी विक्षोभ के चलते उत्तर भारत के पर्वतीय भागों में बारिश हो रही है। इसके अलावा पश्चिमी विक्षोभ मैदानी राज्यों के मौसम को भी प्रभावित कर रहा है। पाकिस्तान और इससे सटे उत्तरी राजस्थान पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र भी बना हुआ है। मॉनसून की अक्षीय रेखा चक्रवाती हवा के इस क्षेत्र के होकर गुज़र रही है जिससे पंजाब, हरियाणा और उत्तरी राजस्थान में अच्छी बारिश दर्ज की गई है।
बारिश के इस दौर से हरियाणा और पंजाब में बारिश के आंकड़ों में व्यापक रूप से सुधार होगा। उत्तर और उत्तर पश्चिम भारत के भागों में अगले 24 से 48 घंटों के दौरान और बारिश होने की संभावना है। उसके बाद इन भागों में बारिश की गतिविधियां धीरे-धीरे कम हो जाएंगी।
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