प्री-मॉनसून सीज़न के दौरान, इस समय तक हरियाणा में 17 प्रतिशत की कमी के साथ सामान्य बारिश हुई है। जबकि, पंजाब में 20 प्रतिशत बारिश की कमी है। इन राज्यों के लिए मार्च का महीना लगभग सूखा रहा। हालांकि, अप्रैल के महीने में विशेष रूप से 15-17 अप्रैल के दौरान अलग-अलग जगहों पर बारिश देखी गई थी।
पिछले कुछ दिनों से पंजाब में प्री-मॉनसून गतिविधियाँ जारी हैं। वहीं, हरियाणा में भी अलग-अलग जगहों पर प्री-गतिविधियों बारिश देखने को मिली है। बीते 24 घंटों में, पंजाब और हरियाणा के कई हिस्सों में गरज के साथ अच्छी बारिश दर्ज हुई। इसके अलावा दोनों राज्यों में अलग-अलग जगहों पर धूल भरी आंधी भी देखी गई है। कल अमृतसर, लुधियाना, पटियाला, अंबाला, रोहतक, हिसार, फरीदाबाद और नारनौल जैसे स्थानों पर गरज के साथ प्री-मॉनसून बारिश रिकॉर्ड हुई।
पंजाब और हरियाणा के पश्चिमी हिस्सों में सक्रिय चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र के कारण यह गतिविधियाँ देखने को मिली। अगले 24 घंटों के दौरान पंजाब और हरियाणा में अलग-अलग स्थानों पर धूल भरी आंधी और बारिश की उम्मीद है। मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि, 15 मई की रात तक एक और पश्चिमी विक्षोभ जम्मू-कश्मीर का रुख करेगा। इसलिए, इन राज्यों में रुक-रुक कर बारिश होती रहेगी। ये गतिविधियाँ अलग-अलग इलाकों में होंगी। हालांकि यह ज्यादा लंबे समय तक नहीं रहेंगी।
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यह ऐसी प्री-मॉनसून गतिविधियाँ हैं जो अधिकांशतः देर दोपहर या रात के समय में होती हैं। इस मौसम प्रणाली के कारण पंजाब और हरियाणा में कम से कम एक सप्ताह तक लू की स्थिति से छुटकारा मिलने की उम्मीद है।
Image Credit:The Economic Times
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