नवंबर महीने में देश के कई इलाकों में व्यापक सर्दी की शुरुआत हो जाती है। यही वह समय है जब उत्तर भारत के पर्वतीय राज्यों में खासतौर पर इन राज्यों के पहाड़ी इलाकों में न्यूनतम तापमान में व्यापक रूप में कमी दर्ज की जाती है जिसके चलते सुबह और रात के समय लोग कड़ाके की ठंड का अनुभव करने लगते हैं। लेकिन इस वर्ष मौसम का मिजाज़ बिलकुल अलग दिखाई दे रहा है। पहाड़ों के मुक़ाबले मध्य भारत के कई इलाकों में व्यापक सर्दी का अनुभव किया जा रहा है।महाराष्ट्रके विदर्भ और मध्य भागों में सुबह के समय अच्छी सर्दी पड़ रही है।
शिमला,धर्मशालाऔर नाहन जैसे पर्वतीय इलाकों में न्यूनतम तापमान सामान्य से 3 से 6 डिग्री अधिक रिकॉर्ड किए जा रहे हैं। इन भागों में न्यूनतम तापमान 10 से 13 डिग्री सेल्सियस के बीच चल रहा, जो महाराष्ट्र के अहमदनगर और पुणे से भी काफी अधिक है। इससे पहले 13-14 नवंबर को मौसम का यह रुख देखने को मिला था उसके बाद दोबारा इस सप्ताह की शुरुआत से ही मौसम के लक्षण कुछ ऐसे ही बने हुए हैं। इसके चलते पुणे, सर्दी की ऋतु में कड़ाके की ठंड के लिए मशहूर शिमला और धर्मशाला जैसे स्थानों से भी अधिक ठंडे हो रहे हैं।
अहमदनगरमें न्यूनतम तापमान 7.6 डिग्री सेल्सियस रहा।पुणेमें भी 25 नवंबर का न्यूनतम तापमान 10.1 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। इन दोनों स्थानों पर रिकॉर्ड किया गया न्यूनतम तापमान सामान्य से काफी नीचे है जिसके चलते इन स्थानों पर पहाड़ों से अधिक सर्दी महसूस की जा रही है। पुणे और शिमला के बीच तापमान में यह विरोधाभास हवाओं के रुख और अन्य मौसमी मापदण्डों के चलते देखने को मिल रहा है। मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के कई हिस्सों में उत्तर से ठंडी और शुष्क हवाएँ पहुँच रही हैं जिससे तापमान में व्यापक कमी आई है।
स्काइमेट के प्रमुख मौसम विशेषज्ञमहेश पालावतके मुताबिक अब तक उत्तर भारत में कोई बहुत सक्षम पश्चिमी विक्षोभ नहीं पहुंचा है जिससे पर्वतीय राज्यों के तापमान में अपेक्षित गिरावट नहीं आई है। हालांकि इन्हीं पर्वतीय इलाकों से उत्तर भारत के मैदानी भागों और मध्य भारत तक पहुँच रही हवाओं के चलतेहरियाणा,दिल्लीऔरपंजाबमें ठंडक महसूस की जा रही है। पहाड़ों पर जब तक व्यापक मात्रा में बारिश और बर्फबारी नहीं होगी तब तक स्थिति में बदलाव के आसार फिलहाल नहीं हैं।
Image credit: Shimla-Kashmir trours and travels
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