देश के उत्तरी राज्यों में पिछले 48 घंटों में बारिश में कमी आई थी। लेकिन प्री-मॉनसून सीजन के 2 महीने यानी मार्च और अप्रैल उत्तर भारत के लिए व्यापक बारिश वाले रहे हैं। इन 2 महीनों में उत्तर भारत के भागों में सामान्य से 40% ज्यादा बारिश हुई है।
अलग-अलग राज्यों के सबसे देखे हैं तो सबसे ऊपर उत्तर प्रदेश है, जहां सामान्य से 327% अधिक वर्षा हुई है। दूसरे नंबर से हरियाणा है, जहां 296% ज़्यादा बारिश रिकॉर्ड की गई। दिल्ली में 289% अधिक, राजस्थान में 200% अधिक, पंजाब में 175% ज़्यादा, उत्तराखंड में 88% अधिक, हिमाचल प्रदेश 23% जबकि जम्मू कश्मीर में 5% ज़्यादा वर्षा हुई।
यानि उत्तर भारत में कोई राज्य ऐसा नहीं जहां इस साल मार्च अप्रैल के दो महीनों में प्री-मॉनसून कम हुई हो। सामान्य से व्यापक रूप में अधिक बारिश के कारण ही उत्तर भारत के भागों में अब तक लू का प्रकोप शुरू नहीं हुआ है।
पहाड़ों से मैदानों तक बारिश
इस बीच जम्मू कश्मीर पर एक पश्चिमी विक्षोभ पहुंचा है, जिसके प्रभाव से उत्तर भारत में बारिश आज कुछ बढ़ जाएगी। यह सिस्टम जम्मू कश्मीर से लेकर उत्तराखंड तक और पंजाब से लेकर उत्तर प्रदेश तक कहीं-कहीं पर हल्की बारिश दे सकता है। बारिश सबसे ज्यादा होगी उत्तराखंड में। हिमाचल प्रदेश, लद्दाख तथा जम्मू-कश्मीर सहित पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तरी राजस्थान में छिटपुट जगहों पर हल्की वर्षा की संभावना है।
1 मई को उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में मौसम साफ रहेगा। हालांकि गोरखपुर, बलिया, बस्ती समेत पूर्वी उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्रों में 1 मई को भी मध्यम बौछारें गिर सकती हैं। 2 मई को एक नया और काफी प्रभावी पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत के करीब पहुंचेगा जिसके चलते देश के उत्तरी क्षेत्रों में बारिश का लंबा दौर शुरू होने वाला है।
3 से 6 मई के बीच कई राज्यों में तेज़ बारिश
आगामी सिस्टम के चलते पहाड़ों से लेकर मैदानी इलाकों तक 2 मई की शाम या रात से मौसम करवट ले सकता है। 3 मई से गतिविधियां बढ़ेंगी और उसके बाद 5 और 6 मई तक चारों पर्वतीय राज्यों और मैदानी क्षेत्रों समेत उत्तर प्रदेश और उत्तरी मध्य प्रदेश तक काफी व्यापक बारिश देखने को मिल सकती है।
3 से 6 मई के बीच पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के भी कई इलाकों में तेज़ प्री-मॉनसून बौछारें गिर सकती हैं। यह स्पेल हाल फिलहाल में आए बारिश के स्पैल से काफी लंबा होगा और प्रभावी भी होगा।
जिस तरह से मार्च और अप्रैल में बारिश सामान्य से अधिक हुई थी कुछ उसी तरह का रुख मई के पहले सप्ताह में भी रहेगा। यही कारण है कि कम से कम मई के पहले हफ्ते तक उत्तर भारत में तापमान सामान्य से काफी नीचे बना रहेगा और लू का प्रकोप मई के शुरुआती 10 दिनों तक देश के उत्तरी क्षेत्र पर नहीं दिखेगा।
Image credit: The Indian Express
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