स्काइमेट ने इस बार समय से पूर्व मॉनसून के आगमन की संभावना जताई थी। जैसा कि सभी जानते हैं कि यह संभावना सटीक रही और केरल में अपने निर्धारित समय से 3-4 दिन पहले यानि 28 मई को मॉनसून ने दस्तक दी। अब तक की इसकी प्रगति से संभावना है कि इस बार देश के अधिकांश हिस्सों में मॉनसून समय से पहले पहुंचेगा। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार दक्षिण-पश्चिम मॉनसून 2018 दक्षिण भारत के अधिकांश हिस्सों को कवर करने के बाद पूर्वी व पूर्वोत्तर राज्यों, मध्य भारत और पश्चिमी तटों पर तेज़ गति से आगे बढ़ेगा।
हालांकि मध्य और पूर्वी भारत से आगे निकलने पर मॉनसून की गति कुछ धीमी होगी और पश्चिमी मध्य प्रदेश, पश्चिमी राजस्थान, उत्तर प्रदेश तथा दिल्ली-एनसीआर के बाद इसकी रफ्तार में कमी आएगी। मौसम के सभी पहलुओं का अध्ययन करने के बाद स्काइमेट का आंकलन है कि दक्षिण-पश्चिम मॉनसून पश्चिमी राजस्थान और हरियाणा तथा पंजाब के कुछ भागों भागों को छोड़कर 25 जून तक देश के अधिकांश भागों में पहुँच जाएगा।
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इसके बाद देश के सभी भागों में मॉनसून की प्रगति में कुछ समय लगेगा और 10 जुलाई तक समूचे भारत पर मॉनसून वर्षा शुरू हो जाएगा। आमतौर पर 15 जुलाई तक देश के सभी हिस्सों में मॉनसून दस्तक देता है। यानि इस बार यह समय से 5 दिन पहले सभी हिस्सों में पहुँच जाएगा। गरज और वर्षा वाले बादलों की ताज़ा स्थिति जानने के लिए नीचे दिए गए मैप पर क्लिक करें।
स्काइमेट ने देश के प्रमुख शहरों में मॉनसून 2018 के आगमन के लिए अपना अनुमान जारी कर दिया है। स्काइमेट के अनुसार निम्नलिखित प्रमुख शहरों में भी समय से पूर्व आ सकता है मॉनसून।
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