उत्तर पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों खासकर पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के उत्तरी तथा पश्चिमी भागों में बीते कई दिनों से रुक-रुक कर धूल भरी आंधी और बादलों की गर्जना के साथ बारिश की गतिविधियां देखने को मिल रही थी। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी कुछ स्थानों पर पिछले दिनों आंधी और बारिश जैसी प्री-मॉनसून हलचल से मौसम बदला हुआ था।
इन सभी भागों में दिन और रात के तापमान में गिरावट आई थी। ज्यादातर शहरों में पारा सामान्य से नीचे चल रहा था और रात का मौसम सुहावना तथा दिन का मौसम अपेक्षाकृत आरामदायक बना हुआ था। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों की मानें तो अमृतसर, चंडीगढ़, अंबाला, यमुनानगर, पिलानी और जालंधर जैसे उत्तर पश्चिम भारत के कई शहरों में पिछले 24 घंटों के दौरान हल्की से मध्यम बारिश हुई। तेज आंधी तूफान की घटनाएं भी देखने को मिलीं।
इससे पहले बृहस्पतिवार को भी राजस्थान, हरियाणा और पंजाब में बारिश और ओलावृष्टि हुई थी। राजधानी दिल्ली में बारिश हुई थी। उत्तर भारत के राज्यों में मई महीने में गर्मी अपने चरम पर होती है। कई शहरों पर लू का शिकंजा कस जाता है, क्योंकि तापमान 45 डिग्री सेल्सियस को भी पार कर जाता है। लेकिन इस बार उत्तर पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों के लिए यह बड़ी राहत कही जाएगी कि दिल्ली में बमुश्किल 1 दिन तापमान 45 डिग्री तक पहुंचा था।
इसी तरह हरियाणा में हिसार राजस्थान में चूरू और गंगानगर में भी राहत बरकरार है। फिलहाल पिछले दो-तीन दिनों से बारिश देने वाले मौसमी सिस्टम यानी उत्तर भारत में बना पश्चिमी विक्षोभ और मैदानी इलाकों पर बना चक्रवाती क्षेत्र कमजोर हो रहे हैं जिसके कारण अगले 24 से 36 घंटे तक मैदानी भागों में मौसम साफ और स्वच्छ होगा। तेज धूप और शुष्क उत्तर-पश्चिमी हवाओं का असर देखने को मिलेगा। तापमान में बढ़ेगा।
मैदानी भागों में 26 मई की शाम से 27 मई तक मौसम में फिर से बदलाव आएगा। उत्तर भारत के मैदानी इलाकों पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तरी राजस्थान में कहीं-कहीं हल्की बारिश दर्ज की जाएगी। इससे तापमान फिर से नीचे आएगा और गर्मी से राहत मिलेगी। लेकिन 28 मई से 31 मई तक मौसम बदलेगा और गर्मी बढ़ जाएगी क्योंकि मौसम शुष्क हो जाएगा।
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पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 1 मार्च से अब तक यानी प्री-मॉनसून सीजन में अब तक हुई बारिश की बात करें तो पंजाब में सामान्य से 5% ज्यादा 54 मिमी बारिश हुई। हरियाणा में सामान्य से 18% अधिक 34 मिमी के आसपास बारिश हुई।
लेकिन राजस्थान में प्री-मॉनसून वर्षा का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा। जहां सामान्य से लगभग 110% अधिक वर्षा रिकॉर्ड की गई। दिल्ली में भी रुक रुक कर वर्षा होती रही लेकिन यहां पर आंकड़ा सामान्य से ऊपर नहीं पहुंच। यहाँ सामान्य से 34% कम 26 मिमी बारिश हुई है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी सामान्य के आसपास बारिश अब तक देखने को मिली है।
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