उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में मौसम करवट लेने लगा है। भीषण गर्मी और आग की लपटों के समान हमले करती लू से निजात मिलने की संभावना बन गई है। उत्तर भारत के मैदानी राज्यों में मौसम में बदलाव की झलक दिखाई देने लगी है। पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अधिकांश भागों में कल तक जहां तापमान 45-56 डिग्री तक चल रहा था वहाँ अब पारा गिरने लगा है। 28 मई को इन भागों में संभवतः 40 डिग्री से नीचे ही रहेगा अधिकतम तापमान।
इस बीच एक नया पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत में जम्मू-कश्मीर के पास पहुँच गया है। इसके प्रभाव से विकसित हुआ चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र मध्य पाकिस्तान और इससे सटे पंजाब पर है। साथ ही गंगा के मैदानी भागों में उत्तर प्रदेश होते हुए पूर्वोत्तर राज्यों तक एक ट्रफ बन गई है।
पंजाब से लेकर उत्तर प्रदेश तक वर्षा के संकेत
इन मौसम सिस्टमों के कारण उम्मीद है कि पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के कई हिस्सों में आज शाम से तेज हवाओं और गरज के साथ धूल भरी आंधी चलेगी। कुछ स्थानों पर बारिश भी हो सकती है। कल से बारिश तेज़ हो जाएगी। साथ ही बारिश का दायरा भी कुछ और इलाकों तक पहुंचेगा। उत्तर भारत में 30 और 31 मई को अच्छी बारिश के साथ कहीं-कहीं पर ओलावृष्टि होने और बादलों की तेज़ गर्जना होने की भी संभावना है।
लंबा चलेगा बारिश का दौर
अनुमान है कि मई के आखिर से शुरू होने वाली यह प्री-मॉनसून वर्षा उत्तर पश्चिम भारत में जून के पहले सप्ताह तक जारी रहेगी। हालांकि, 31 मई के बाद बारिश की तीव्रता कम हो जाएगी लेकिन मौसम पूरी तरह से सूखा नहीं होगा। इसी समय एक तरफ केरल में मॉनसून दस्तक देने वाला है और दूसरी ओर उत्तर भारत में प्री-मॉनसून वर्षा आ रही है। यह प्री-मॉनसून वर्षा दिल्ली समेत उत्तर भारत के लोगों को प्रचंड गर्मी से राहत दिलाएगी। लू का प्रकोप कम से कम अगले एक सप्ताह तक नहीं दिखेगा।
चुरू समेत राजस्थान में भी लू से मिलेगी राहत
राजस्थान हर साल की तरह इस साल भी जबर्दस्त गर्मी का सामना कर रहा है। चुरू से लेकर कोटा, सवाई माधोपुर समेत कई जिलों में पारा 45 डिग्री से ऊपर चल रहा था। चुरू में 26 मई को 50 डिग्री और 27 मई को 49.6 डिग्री रिकॉर्ड किया गया था। इन भागों में भी गर्मी से राहत मिलने वाली है।
Image Credit: Times of India
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