उत्तर-पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों विशेषकर पंजाब, हरियाणा, उत्तरी राजस्थान, दिल्ली और चंडीगढ़ में बीते कुछ दिनों से मौसम मेहरबान है। जिससे पारा गिरा है और गर्मी से राहत मिली है। अनुमान के अनुसार अगले 24 घंटों तक प्री-मॉनसून वर्षा, धूल भरी आंधी और बादलों की गरज के साथ हल्की बौछारें गिरने की संभावना बनी हुई है। इन भागों में बीते दो-तीन दिनों के दौरान तेज़ हवा के झोंकों और बादलों की गर्जना के साथ हल्की वर्षा रिकॉर्ड की गई है। पिछले दिनों लू से संघर्ष कर रहे उत्तर के मैदानी राज्यों में बारिश के चलते बड़ी राहत मिली है।
पिछले 24 घंटों के दौरान हुई वर्षा की अगर बात करें तो कपूरथला में 14 मिमी, आनंदपुर साहिब में 10 मिमी, चुरू में 9 मिमी, करनाल में 6 मिमी, जैसलमर में 2.3 मिमी, अमृतसर में 2 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई। पटियाला और चंडीगढ़ सहित आसपास के हिस्सों में हल्की बारिश दर्ज की गई। स्काईमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार उत्तरी हरियाणा के ऊपर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। इस सिस्टम से एक ट्रफ रेखा पूर्वी भारत तक पहुंच रही है। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर के पास एक पश्चिमी विक्षोभ भी सक्रिय है।
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इन सभी मौसमी सिस्टम के प्रभाव से उत्तर के मैदानी क्षेत्रों में अगले दो-तीन दिनों तक प्री-मॉनसून हलचल बनी रह सकती है। अनुमान है कि अमृतसर, लुधियाना, अंबाला, पटियाला, चंडीगढ़, हिसार, चुरू, श्रीगंगानगर, दिल्ली, फरीदाबाद, गुरूग्राम, मेरठ, गाजियाबाद, नोएडा और आसपास के भागों में पिछले दिनों की तरह ही धूल भरी आंधी चलने और बादलों की गरज के साथ हल्की वर्षा होने के लिए स्थितियां अनुकूल है। गरज और वर्षा वाले बादलों की ताज़ा स्थिति जानने के लिए नीचे दिए गए मैप पर क्लिक करें।
12 अप्रैल से मौसम साफ और शुष्क हो जाएगा। इसके अलावा उत्तर-पश्चिम से गर्म और शुष्क हवाएँ भी चलेंगी जिससे तापमान फिर से तेजी से ऊपर जाएगा मौसम व्यापक रूप में गर्म हो जाएगा।
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