अप्रैल में 8 मौकों पर दिल्ली में अधिकतम तापमान 40 डिग्री या उससे अधिक रहा। हालांकि अप्रैल के महीने में छह सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ थे, लेकिन पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान के साथ-साथ उत्तर प्रदेश के पश्चिमी हिस्सों में मॉनसून की गतिविधियां फीकी रहीं। दिल्ली में कुल 2.6 मिमी के साथ चार बार हल्की वर्षा हुई जबकि अप्रैल की सामान्य वर्षा 13 मिमी है। उत्तर पश्चिम भारत के अन्य भागों के लिए भी ऐसा ही रहा।
मई के महीने के लिए सामान्य वर्षा अप्रैल से दोगुना से अधिक है, अधिकांश उत्तर पश्चिम मैदानों के लिए। उत्तर पूर्व भारत में बारिश और धूल भरी आंधी जैसी तीव्र पूर्व मानसून गतिविधियों को शुरू करने के लिए परिस्थितियाँ अनुकूल होती जा रही हैं। आज 2 मई को राजस्थान में तेज धूल भरी आंधी और बारिश हो सकती है। पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश सहित दिल्ली में आंधी और वर्षा की गतिविधियां हल्की ही रहेंगी। एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र 5 मई तक उत्तर-पश्चिमी राजस्थान और आसपास के क्षेत्र में बनेगा। साथ ही अरब सागर से आद्र हवा में नमी में वृद्धि करेंगी तथा एक सशक्त पश्चिमी विक्षोभ भी पश्चिमी हिमालय क्षेत्रों को प्रभावित करना शुरू करेगा। 5 मई से 8 मई के बीच दिल्ली और सीआर सहित पूरे उत्तर पश्चिम भारत में तेज आंधी के साथ कई स्थानों पर वर्षा होने की संभावना है। तापमान गिर जाएगा और अधिकांश जगहों पर 40 डिग्री से नीचे ही बना रहेगा। इस दौरान उत्तर पश्चिम भारत को भीषण गर्मी से राहत मिल सकती है।
प्री-मॉनसून सीज़न के दौरान, धूल के तूफान की तीव्रता कभी-कभी गंभीर हो जाती है और हवा की गति 70 से 80 किमी प्रति घंटा तक पहुंच जाती है और कभी-कभी यह 90 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से भी अधिक हो जाती है। तेज आंधी के साथ बारिश से कभी-कभी जान और माल की हानि होने की संभावना रहती है। बारिश और धूल भरी आंधी आमतौर पर दोपहर / शाम के समय या सुबह के शुरुआती घंटों में होती है।