उत्तर प्रदेश में अप्रैल की शुरुआत शुष्क मौसम के साथ हुई। इससे पहले भी मार्च सूखे मौसम के साथ ही विदा हुआ। जिसके चलते पश्चिम में मेरठ से लेकर पूर्व में वाराणसी तक राज्य के लगभग सभी भागों में तापमान आसमान पर पहुंच गया और लोगों को समय से पहले ही भीषण गर्मी का सामना करना पड़ा। इनमें कई स्थानों पर पारासामान्य से 5 से 7 डिग्री सेल्सियस ऊपर यानि 40 डिग्री सेल्सियस के स्तर पर पहुंच गया।
इस बीच मौसम ने करवट ली है और राज्य के कुछ भागों में प्री-मॉनसून बारिश की गतिविधियां शुरू हो गई हैं। सोमवार की सुबह पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बारिश देखने को मिली। पिछले 24 घंटों के दौरान बरेली में 24 मिलीमीटर की मध्यम वर्षा रिकॉर्ड की गई जबकि मेरठ में 4 मिलीमीटर की हल्की बारिश हुई। स्काईमेट के वरिष्ठ मौसम विशेषज्ञ महेश पालावत के अनुसार जम्मू कश्मीर के दक्षिणी भागों पर एक पश्चिमी विक्षोभ बना हुआ था जिसके चलते यह बारिश हुई।
इसके अलावा पश्चिमी राजस्थान से दक्षिण उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल होते हुए असम तक बनी ट्रक भी मौसम को प्रभावित कर रही है। यह सभी मौसमी सिस्टम अभी बने हुए हैं जिससे हमारा अनुमान है कि अगले दो-तीन दिनों के दौरान उत्तर प्रदेश के कई जिलों में प्री-मॉनसून वर्षा की गतिविधियां रुक-रुक कर हो सकती हैं। इस दौरान राज्य के मध्य हिस्सों और उत्तरी जिलों में अधिक बारिश देखने को मिलेगी।
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अनुमान के अनुसार आगरा, मेरठ, मुजफ्फरनगर, बरेली, शाहजहांपुर, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, बहराइच, फैजाबाद, आजमगढ़, मथुरा, हाथरस, लखनऊ, रायबरेली और सुल्तानपुर में तेज हवाओं, बिजली की चमक और बादलों की गड़गड़ाहट के साथ हल्की से मध्यम वर्षा हो सकती है। झोंके की तरह आने वाली यह प्री-मॉनसून वर्षा मौसम को पूरी तरह से बदल सकती है। गरज और वर्षा वाले बादलों की ताज़ा स्थिति जानने के लिए नीचे दिए गए मैप पर क्लिक करें।
मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक इन गतिविधियों के साथ तेज़ झोंकेदार हवाएं भी चल सकती हैं। धूल भरी आंधी की भी आशंका है। यह गतिविधियां लगभग पक कर तैयार हो चुकी गेहूं, चना और मटर सहित अनेक रवी फसलों और आम की फसल को नुकसान पहुंचा सकती हैं। हालांकि इससे तेज़ गर्मी से लोगों को कुछ समय के लिए निजात मिलेगी।
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