[Hindi] गोरखपुर, वाराणसी, भागलपुर रांची में अगले दो दिनों तक जारी रहेगी प्री-मॉनसून हलचल

May 14, 2018 6:39 PM | Skymet Weather Team

पूर्वी भारत के राज्यों में पिछले 24 घंटों से प्री-मॉनसून हलचल तेज़ हो गई है। इस दौरान पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में कई जगहों पर हल्की से मध्यम और एक-दो स्थानों पर भारी वर्षा रिकॉर्ड की गई है। इन भागों में जैसा कि अनुमान लगाया गया था बारिश के साथ तेज़ हवाएँ भी चली हैं। कुछ स्थानों पर बारिश से पहले तेज़ धूलभरी आँधी का सामना लोगों को करना पड़ा है।

बारिश का अधिक प्रभाव बिहार और उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्रों में देखने को मिला। सबसे अधिक वर्षा वाले स्थानों की बात करें तो गोरखपुर में 31 मिलीमीटर की भारी वर्षा हुई। फुर्सतगंज में 23 मिमी, डाल्टनगंज में 16 मिमी, भागलपुर में 15 मिमी, वाराणसी में 12 मिमी, बहराइच में 8 मिमी, रांची में 3 मिमी और गया में 2 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गई। इसके अलावा लखनऊ, इलाहाबाद, पटना और धनबाद में भी हल्की बारिश देखने को मिली।

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स्काइमेट के वरिष्ठ मौसम विशेषज्ञ महेश पलावत के अनुसार उत्तर भारत से उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल होते हुए पूर्वोत्तर राज्यों तक एक ट्रफ रेखा और उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। इसके अलावा बंगाल की खाड़ी के उत्तरी भागों पर बना चक्रवाती सिस्टम भी पूर्वी राज्यों को प्रभावित कर रहा था। इन्हीं सिस्टमों के प्रभाव से उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में बारिश हो रही है। गरज और वर्षा वाले बादलों की ताज़ा स्थिति जानने के लिए नीचे दिए गए मैप पर क्लिक करें।

ट्रफ रेखा अब उत्तरी दिशा में जा रही है और पूर्वी क्षेत्रों में बने सिस्टम कमजोर हो रहे हैं जिसके चलते बारिश में धीरे-धीरे कमी आएगी। हालांकि अगले 24 घंटों तक उत्तर प्रदेश और बिहार के तराई क्षेत्रों में कई स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा जारी रह सकती है। इन भागों में बारिश से पहले और बारिश के दौरान तेज़ हवाएँ भी चल सकती हैं। एक-दो जगह भारी बारिश के भी आसार हैं। झारखंड में बारिश की गतिविधियां कम हो जाएंगी। हालांकि राज्य के पूर्वी जिलों में छिटपुट वर्षा अगले 24 घंटों तक बनी रह सकती हैं।

मॉनसून के आगमन से पहले मई में पूर्वी भारत में प्री-मॉनसून हलचल तेज़ हो जाती है जिसके चलते पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में अक्सर तेज़ आँधी, तूफानी बारिश और बिजली गिरने से जान और माल को नुकसान होता है। अगले 24 से 48 घंटों तक इन भागों में मौसम की बिगड़ती स्थिति को देखते हुए सावधान रहने की आवश्यकता है।

Image credit: DNA India

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