उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में प्री-मानसून हलचल देखने को मिल रही है। स्काईमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार अगले 24 से 48 घंटों तक राज्य के तराई वाले जिलों में हल्की से मध्यम प्री-मॉनसून वर्षा जारी होने की संभावना है। बीते दो-तीन दिनों से बादल छाने और छिटपुट जगहों पर हल्की वर्षा होने के चलते दिन के तापमान में गिरावट आई है और लोगों को गर्मी से व्यापक राहत मिली है।
इस समय एक ट्रफ रेखा हरियाणा से असम तक बनी हुई है उसके अलावा उत्तर भारत के मैदानी राज्यों पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र सक्रिय है। इन सिस्टमों के प्रभाव से राज्य के सभी भागों में पूर्वी आर्द्र हवाएँ चल रही हैं। जिससे बारिश के लिए स्थितियां अनुकूल बनी हैं। बीते 24 घंटों के दौरान मुरादाबाद में 32 मिलीमीटर की भारी बारिश हुई। अलीगढ़ में 21 मिलीमीटर, मेरठ में 10,शाहजहांपुर में 8.4,हरदोई में 7, बरेली में 4 और बहराइच में 2 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई है।
[yuzo_related]
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार अगले 2 दिनों तक मौसम नहीं बदलेगा जिससे बारिश की उम्मीद की जा सकती है। विशेष रूप से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलों में हल्की से मध्यम वर्षा देखने को मिल सकती है। हमारा अनुमान है कि सहारनपुर, मुरादाबाद, बरेली, मेरठ और अलीगढ़ में हल्की वर्षा अगले 2 दिनों तक देखी जा सकती है। जबकि बहराइच, गोरखपुर, वाराणसी और आजमगढ़ में कुछ स्थानों पर हल्की बारिश की संभावना है। गरज और वर्षा वाले बादलों की ताज़ा स्थिति जानने के लिए नीचे दिए गए मैप पर क्लिक करें।
दूसरी ओर आगरा, बांदा, इलाहाबाद, चित्रकूट और मिर्जापुर जैसे दक्षिणी जिलों में मौसम शुष्क बना रहेगा हालांकि कानपुर और प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कहीं-कहीं हल्की वर्षा से इंकार नहीं किया जा सकता। बारिश अगले दो-तीन दिन तेज गर्मी से राहत भले दिलाएगी। लेकिन यह कटाई और मड़ाई के लिए लगभग तैयार गेहूं और चने सहित रवी की फसल को व्यापक रूप में नुकसान पहुंचा सकती है। साथ ही आम की फसल को भी नुकसान की आशंका है।
Image credit: Khas Khabar
कृपया ध्यान दें: स्काइमेट की वेबसाइट पर उपलब्ध किसी भी सूचना या लेख को प्रसारित या प्रकाशित करने पर साभार: skymetweather.com अवश्य लिखें।