इस वर्ष गर्मी की शुरुआत जल्दी हुई और लू ने समय से पहले ही देश के कई हिस्सों में जन-जीवन को बुरी तरह प्रभावित किया। हालांकि अप्रैल का पहला पखवाड़ा दूसरे पखवाड़े के मुक़ाबले बेहतर रहा। बीते महीने के दूसरे पखवाड़े में पूर्वी और मध्य भारत के साथ-साथ प्रायद्वीपीय भारत के आंतरिक हिस्सों में तापमान ने सारे रिकॉर्ड तोड़े और लोगों को भीषण गर्मी का सामना करना पड़ा। बंगलुरु को आमतौर पर सुहावने मौसम वाले शहर के रूप में जाना जाता है जबकि अप्रैल महीने में यहाँ भी पारा सामान्य से काफी अधिक दर्ज किया गया।
प्री-मॉनसूनी बारिश ना होने के कारण देश के अधिकांश हिस्सों में असामान्य अधिकतम तापमान दर्ज किया जा रहा है। आमतौर पर अप्रैल महीने में कई भागों में प्री-मॉनसूनी बारिश की गतिविधियां देखने को मिलती हैं। आंकड़े बताते हैं कि बीता अप्रैल महीना जितना शुष्क रहा उतना कभी नहीं रहा।
हालांकि संभावना यह बन रही है कि मई की शुरुआत में ही कई जगहों पर प्री-मॉनसूनी बारिश की गतिविधियां दर्ज की जाएंगी जिससे भीषण गर्मी से बहुप्रतीक्षित राहत मिलेगी। विशेषकर ओड़ीशा और तेलंगाना में राहत मिलने की संभावना है जहां तापमान 48 डिग्री के स्तर को भी पार कर चुका है।
स्काइमेट का अनुमान है कि 2 मई से प्री-मॉनसूनी बारिश में तेज़ी आएगी और देश के अधिकांश हिस्सों में लोगों को लू से निज़ात मिलेगी। बारिश की गतिविधियां एक हफ्ते तक जारी रहेगी लेकिन मई के पहले पखवाड़े तक रुक रुक कर बौछारें देखने को मिलेंगी। उसके बाद बारिश की गतिविधियां देश के उत्तरी और दक्षिणी राज्यों में ही दर्ज की जाएंगी।
मई के आखिर में 26 और 27 तारीख से केरल में अच्छी वर्षा हो सकती है जिसे दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के आगमन के संकेत के तौर पर देखा जा सकता है। मौसम विशेषज्ञों का अनुमान है कि मई में प्री-मॉनसूनी बारिश इस समय की भीषण गर्मी से अच्छी राहत दिलाएगी। हालांकि दक्षिणी-गुजरात, तटीय महाराष्ट्र और तमिलनाडु में तेज़ गर्मी से विशेष राहत मिलने की संभावना नहीं क्योंकि इन भागों में प्री-मॉनसूनी बारिश की गतिविधियां सीमित स्थानों पर ही संभावित हैं।
उत्तरी पश्चिम भारत का मौसमी पूर्वानुमान
पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तरी राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 2 या 3 मई से प्री-मॉनसूनी बारिश शुरू होने के आसार हैं। बारिश का यह दौर कम से कम एक हफ्ते तक जारी रहेगा। हालांकि वर्षा रुक-रुक कर देखने को मिलेगी। उसके बाद बारिश की तीव्रता में कमी आएगी लेकिन छिटपुट जगहों पर वर्षा बनी रहेगी।
मध्य और पूर्वी भारत का मौसम पूर्वानुमान
प्री-मॉनसूनी बारिश का प्रसार 3 मई तक देश के मध्य और पूर्वी राज्यों में भी पहुंचेगा। इस दौरान मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, ओड़ीशा और पश्चिम बंगाल में गरज के साथ बौछारें दर्ज की जाएंगी। इन भागों में लंबे इंतज़ार के बाद आने वाले बारिश के इस दौर से भीषण लू से अच्छी राहत की उम्मीद है।
प्रायद्वीपीय भारत के लिए मौसम पूर्वानुमान
तेलंगाना, रायलसीमा, कर्नाटक और महाराष्ट्र के विदर्भ तथा मराठवाड़ा क्षेत्र में गर्मी से राहत के संकेत मिल रहे हैं। इन राज्यों में कई इलाके गर्मी और सूखे की दोहरी मार से हलकान हैं। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों का अनुमान है कि 3-7 मई के बीच इन भागों में प्री-मॉनसूनी बारिश का अच्छा दौर देखने को मिलेगा जिससे दिन के तापमान में कमी आएगी और पानी की कमी का संकट भी कम होने की उम्मीद है।
पश्चिम भारत में मौसम पूर्वानुमान
पश्चिमी भागों में बारिश के पहुँचने में थोड़ा विलंब हो सकता है, लेकिन 6 मई से गुजरात और मध्य महाराष्ट्र में भी वर्षा का प्रसार होगा और इन भागों में भी बारिश की फुहारों के चलते तापमान में हल्की कमी आने और गर्मी से राहत मिलने की संभावना है।
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