उत्तर भारत में इस साल प्री-मॉनसून सीजन काफी अच्छी बारिश दे रहा है। 1 मार्च से 25 अप्रैल के भी समूचे उत्तर पश्चिम भारत में सामान्य से 41% अधिक वर्षा रिकॉर्ड की गई है। उत्तर भारत के सभी राज्यों में सामान्य से अत्यधिक वर्षा (large excess rain) रिकॉर्ड की गई है। हालांकि हिमाचल प्रदेश में बारिश का आंकड़ा सामान्य से कुछ ही ऊपर है। जबकि जम्मू कश्मीर में सामान्य के आसपास है।
बीते 24 घंटों के दौरान उत्तराखंड और पंजाब के उत्तरी जिलों में कुछ स्थानों पर मध्यम से भारी वर्षा हुई है। इसी दौरान हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर और लद्दाख में भी कुछ जगहों पर हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई। पंजाब के बाकी हिस्सों, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, पूर्वी राजस्थान और दिल्ली-एनसीआर के कुछ हिस्सों में छिटपुट बारिश और आंधी की घटनाएं देखने को मिलीं।
अप्रैल के आखिर तक होती रहेगी बारिश
इस समय एक पश्चिमी विक्षोभ उत्तरी पाकिस्तान और इससे सटे भागों पर है। इसके अलावा बंगाल की खाड़ी से भी पूर्वी आर्द्र हवाएं उत्तर भारत के भागों में पहुंच रही हैं। इससे अनुमान है कि पंजाब और हरियाणा में कुछ स्थानों पर और दिल्ली तथा पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अप्रैल के आखिर तक रुक-रुक कर गरज के साथ वर्षा की गतिविधियां बनी जा सकती हैं।
उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में मध्यम से भारी वर्षा होने की संभावना है। ऊंचाई वाले क्षेत्रों में कहीं-कहीं पर बर्फबारी भी हो सकती है। लद्दाख और जम्मू कश्मीर में अपेक्षाकृत बारिश की गतिविधियां कम होंगी।
यह अप्रैल का आखिरी सप्ताह है। लेकिन उत्तर भारत के राज्यों में तापमान अभी भी सामान्य से नीचे चल रहा है। इसके चलते भीषण धूल भरी आंधी की आशंका फिलहाल राजस्थान में नहीं है। एक-दो स्थानों पर ही आंधी चलने या हल्की वर्षा होने की संभावना है।
मई के दूसरे सप्ताह से भीषण आँधी
राजस्थान समेत हरियाणा, दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में अप्रैल के आखिर से लेकर मई तक कई तबाही का मंज़र देखने को मिलता है। इस बार मौसम विशेषज्ञों के अनुसार मई के दूसरे सप्ताह से ही धूल भरी आंधी की आशंका है, जब अधिकांश इलाकों में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर पहुंचेगा।
प्री-मॉनसून सीजन मार्च से मई तक चलता है। लेकिन उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में भीषण आंधी की घटनाएं प्रायः मई में ही देखने को मिलती है। जून के दूसरे पखवाड़े से हवाओं में नमी बढ़ने लगती है और तापमान घटने लगता है इससे धूल भरी आंधी की गतिविधियों में कमी आने लगती है। इस साल अप्रैल का महीना उत्तर भारत में ठंड आ रहा है।
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