दिल्ली में एक बार फिर से मौसम में परिवर्तन दिखाई देने लगा है। सोमवार को दिन में जहां मौसम काफ़ी गर्म और उमस भरा था वहीं दिल्ली वालों को शाम के समय मौसम के मिजाज़ में बदलाव दिखाई दिया। शाम के समय लगभग 5:30 बजे आसमान में बादलों का प्रभाव बढ़ गया और गर्जना के साथ बौछारें दर्ज की गईं।
स्काइमेट ने पहले ही अनुमान लगाया था कि दिल्ली और आसपास के भागों में लोगों को मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के साथ-साथ नोएडा, गाज़ियाबाद और फ़रीदाबाद में भी बारिश का झोंका आया था। गरज के साथ बौछारें तो गिरी हीं तेज़ हवाओं का प्रवाह भी दिल्ली और आसपास के भागों में बना रहा। हवा की रफ्तार का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उत्तरी दिल्ली में कहीं-कहीं पेड़ भी जड़ से उखड़ कर गिर गए।
इस समय हो रही बारिश की वजह दिल्ली और आसपास के भागों से गुज़र रही एक ट्रफ को माना जा सकता है। प्री-मॉनसूनी बारिश की गतिविधियां बढ़ गई हैं और राजधानी में थोड़े-थोड़े अंतराल के बाद बारिश देखने को मिल रही है। इससे पहले 11 जून को भी दिल्ली में मौसम ने करवट ली थी और 24 घंटों की अवधि में पालम मौसम केंद्र ने 3 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की थी।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी और आसपास के भागों में अगले 2 दिनों तक गरज के साथ हल्की वर्षा की संभावना बनी हुई है। मंगलवार को भी दिन में अपेक्षाकृत कम बादलों की मौजूदगी के बीच मौसम शुष्क रहा। लेकिन धीरे-धीरे बादल बादलों का प्रभाव बढ़ रहा है और शाम के समय गरज तथा मध्यम से तेज़ हवाओं के साथ कुछ स्थानों पर बारिश दर्ज की जाएगी। दिल्ली में मॉनसून के आगमन की सामान्य समय सीमा है 29 जून। मुंबई में मॉनसून के आने में अभी देरी हो रही है जबकि दिल्ली में अनुमान है कि इसका आगमन समय से होगा।
मॉनसून के आने में अभी भी 15 दिन का समय है फिर भी प्री-मॉनसूनी गतिविधियों के चलते दिल्ली और आसपास के लोग सुहावने मौसम का मज़ा कम से कम सुबह और शाम के समय तो ले ही सकते हैं।
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