उम्मीद के अनुसार दिल्ली सहित उत्तर भारत में बारिश का मौसम बना है। पिछले तीन दिनों से रुक-रुक कर बारिश हो रही है जिससे लोगों को गर्मी से निजात मिली है। जैसा अनुमान लगाया गया था पिछले दो-तीन दिनों से उत्तर भारत के भागों में मौसम बदला है, हवाओं में नमी बढ़ गई है, बादल दिखाई दे रहे हैं और कई इलाकों में रुक-रुक कर बारिश हो रही है।
बारिश से तापमान में कमी, गर्मी से व्यापक राहत
दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत में लू के प्रकोप से लोगों को व्यापक राहत मिली है। उत्तर के मैदानी राज्यों में लू का प्रकोप अब खत्म हो गया है क्योंकि तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है। चुरू में 26 मई को जहां तापमान 50 डिग्री पहुँच गया था वहाँ पिछले 24 घंटों के दौरान सामान्य से 6 डिग्री कम 36 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। दिल्ली में भी 6 डिग्री कम 35 डिग्री तापमान रिकॉर्ड किया गया।
उत्तर भारत के राज्यों में पंजाब से लेकर हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश तक 28 मई से पहले गर्मी अपने चरम पर पहुँच गई थी। 26 मई इस सीज़न का सबसे गर्म दिन रहा। इसी दिन चुरू में तापमान 50 डिग्री पहुंचा था। दिल्ली में भी सामान्य से 7 डिग्री अधिक 47.6 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया था।
अनुमान है कि बारिश का मौसम अगले दो-तीन दिनों तक बना रहेगा। हालांकि 1 और 2 जून को बारिश की गतिविधियां बहुत अधिक नहीं होंगी। अगले 24 घंटों तक उम्मीद है कि पंजाब, हरियाणा, दिल्ली-एनसीआर, चंडीगढ़, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और राजस्थान में कुछ स्थानों पर हल्की तो कहीं मध्यम वर्षा हो सकती है।
3 जून से गर्मी की होगी वापसी
कल से यानी 1 जून से बारिश में काफी कमी आ जाएगी। हालांकि 1 और 2 जून को भी हल्की वर्षा कहीं-कहीं पर उत्तर भारत के मैदानी राज्य में देखने को मिल सकती है। 3 जून से देश के इन राज्यों में मौसम एक बार फिर से गर्मी वाला हो जाएगा क्योंकि पश्चिमी विक्षोभ और चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र कमजोर हो जाएंगे तथा आगे निकल जाएंगे। यानि 3 जून से तापमान में वृद्धि शुरू होगी और 4-5 जून तक एक बार फिर प्रचंड गर्मी का प्रकोप राजधानी दिल्ली समेत उत्तर भारत के लोगों को देखने को मिल सकता है।
केरल में मॉनसून ने दे दी है दस्तक
इस बीच केरल में मॉनसून का आगमन 30 मई को हो गया है। केरल समेत लक्षद्वीप में पिछले 3 दिनों से अच्छी बारिश हो रही है। अरब सागर में एक निम्न दबाव का क्षेत्र बन गया है जो धीरे-धीरे प्रभावी होगा और उत्तरी दिशा में यानि महाराष्ट्र तथा गुजरात की तरफ बढ़ेगा। इसके कारण पश्चिमी तटों पर बारिश बढ़ेगी। केरल में जहां मॉनसून वर्षा होगी वहीं तटीय कर्नाटक, गोवा, महाराष्ट्र और गुजरात के तटों पर प्री-मॉनसून वर्षा होगी।
Image credit: The Indian Express
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