उत्तर प्रदेश के पूर्वी जिलों में अब मॉनसून का बेसब्री से इंतज़ार शुरू हो गया है। इस बीच राज्य के कुछ भागों में धूलभरी आँधी और बादलों की गर्जना के साथ हल्की बारिश जैसी प्री-मॉनसून गतिविधियां देखने को मिल रही हैं। इस समय दक्षिण-पूर्वी उत्तर प्रदेश पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। इसके अलावा राज्य के ऊपर से एक ट्रफ रेखा भी दक्षिण में तेलंगाना तक सक्रिय है।
इन सिस्टमों के प्रभाव से बंगाल की खाड़ी से आर्द्र हवाएँ उत्तर प्रदेश के सभी भागों में पहुँच रही हैं। पूर्वी और मध्य भागों पर प्रभाव ज़्यादा है जिससे गतिविधियां भी इन्हीं स्थानों पर देखने को मिलेंगी। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार अगले 24 से 48 घंटों के दौरान औरय्या, बाराबंकी, बरेली, एटा, इटावा, कन्नौज, फ़र्रुखाबाद, कांसीराम नगर, लखीमपुर खीरी, लखनऊ, मैनपुरी, पीलीभीत, शाहजहांपुर, श्रवस्ती, सीतापुरऔरउन्नाव, में कुछ स्थानों पर आँधी तूफान के साथ बारिश हो सकती है।
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गोंडा, बहराइच, बलरामपुर, हरदोई, कानपुर, बांदा, इलाहाबाद, चंदौली, जौनपुर, प्रतापगढ़, मिर्जापुर, संत रविदास नगर (भदोही), सोनभद्र और वाराणसी और आसपास के भागों में भी धूलभरी आँधी और बादलों की गर्जना के साथ हल्की वर्षा होने के आसार हैं। गरज और वर्षा वाले बादलों की ताज़ा स्थिति जानने के लिए नीचे दिए गए मैप पर क्लिक करें।
पूर्वी उत्तर प्रदेश में आमतौर पर 15 जून तक मॉनसून आ जाता है और मॉनसूनी वर्षा के रूप में लोगों को बड़ी राहत मिलती है। हालांकि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलों तक मॉनसून को पहुँचने में लगभग 10 से 15 दिनों का लंबा समय लग जाता है। फिलहाल गर्मी और उमस परेशान करेगी। हालांकि रुक-रुक कर होने वाली प्री-मॉनसून वर्षा लोगों को पसीने वाली गर्मी से राहत दिलाएगी।
Image credit: Day After India
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