छत्तीसगढ़, ओड़ीशा और झारखंड में अगले 24 से 48 घंटों में प्री-मॉनसूनी वर्षा शुरू होने वाली है। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार इन राज्यों में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की जाएगी। बारिश की यह गतिविधियां पूर्वी भारत पर बनने वाले कोन्फ़्लुएन्स जोन के चलते देखने को मिलेंगी।
बंगाल की खाड़ी में एक एंटी साइक्लोनिक सर्कुलेशन बना हुआ है जिसके चलते आर्द्र दक्षिण-पश्चिमी हवाएँ चलना शुरू हो गई हैं। दक्षिण-पश्चिमी हवाएँ उत्तर से आ रही ठंडी और शुष्क उत्तर-पश्चिमी हवाओं से टकरा रही हैं। दो विपरीत प्रकृति की हवाओं के आपस में टकराने से छत्तीसगढ़, ओड़ीशा और झारखंड बादल छाएंगे और कुछ स्थानों पर गरज के साथ बौछारें दर्ज की जाएंगी।
स्काइमेट के अनुसार खाड़ी में बना यह एंटी साइक्लोनिक सर्कुलेशन मॉनसून पूर्व की अवधि में लगभग निरंतर बना रहने वाला मौसमी सिस्टम है। इस एंटी साइक्लोनिक सर्कुलेशन के प्रभाव से जमीनी हिस्सों पर आर्द्रता पहुँचती रहती है जिससे तटों के करीबी भागों में विशेषकर उत्तरी तटवर्ती आंध्र प्रदेश, ओड़ीशा, छत्तीसगढ़ और झारखंड में रुक-रुक कर बारिश होती रहती है।
इन राज्यों में बीते कई दिनों से अत्यधिक गर्म मौसम परेशानी का शबब बना हुआ है। संभावित बारिश इस गर्मी से राहत अवश्य दिलाएगी। इससे पहले भी इन भागों में कभी-कभी एक-दो स्थानों पर बारिश की गतिविधियां दर्ज की गईं लेकिन यह इतनी प्रभावी नहीं थी कि बढ़ते तापमान पर लगाम लगा पाये। यही वजह है कि झारखंड, छत्तीसगढ़ और ओड़ीशा में एक-दो स्थानों पर लू जैसे हालात भी बन गए थे।
मौसम में बदलाव अभी से दिखाई देने लगा जिससे तापमान में हल्की गिरावट पहले ही हो चुकी है। पारा गिरने से तेज़ गर्मी से राहत मिली है। अगले 24 से 48 घंटों के दौरान बादलों का प्रभाव बढ़ने और बारिश होने से तापमान में 2-3 डिग्री सेल्सियस की और गिरावट हो सकती है। झारखंड के जमशेदपुर में 5 अप्रैल को दिन का तापमान 43 डिग्री तक पहुँच गया था जो 7 अप्रैल को घटकर 40.2 डिग्री के स्तर पर आ गया।
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