धूलभरी आँधी, गरज और बारिश की गतिविधियों के साथ देश के अधिकांश भागों में प्री-मॉनसूनी वर्षा दर्ज की जा रही है। दक्षिण में तिरुवनन्तपुरम से लेकर दिल्ली तक मौसम बारिश वाला हो गया है। यह गतिविधियां धीरे-धीरे और तीव्र होंगी तथा अगले 2 दिनों में अपने चरम पर पहुँचेंगी। देश के अनेक हिस्सों में बारिश दोपहर बाद शाम या रात को होगी जबकि दक्षिण के राज्यों में दिनभर बौछारें गिर सकती हैं। आने वाले दिनों में जैसे-जैसे बारिश ज़ोर पकड़ेगी वैसे ही तापमान में भी गिरावट देखी जाएगी।
गंगा के मैदानी भागों में प्री-मॉनसून बारिश
पंजाब, हरियाणा और दिल्ली-एनसीआर सहित उत्तर भारत के ऊपर चक्रवाती हवाएँ देखी जा सकती हैं। इसके अलावा पश्चिम बंगाल के गंगा के मैदानी भागों से लेकर बिहार, झारखंड और उत्तरी पश्चिम बंगाल तक एक ट्रफ बना हुआ है। इन्हीं भागों में एक और चक्रवाती हवाओं का सिस्टम मौजूद है। इधर राजस्थान के ऊपर भी चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बन रहा है। इन मौसमी हलचलों के कारण गंगा के मैदानी भागों यानि उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में प्री-मॉनसून बारिश होगी।
दक्षिण भारत में प्री-मॉनसून बारिश
दक्षिण भारत में भी तमिलनाडु के तट पर बना चक्रवाती हवा का एक क्षेत्र दक्षिणी राज्यों को प्रभावित कर रहा है। केरल के भागों, आंध्र प्रदेश के दक्षिणी तटीय क्षेत्रों और तमिलनाडु में प्री-मॉनसून बारिश की गतिविधियां जारी हैं। इसके अलावा देश के प्रायद्वीपीय भागों में हवा में दरार (Wind discontinuity) जैसी मौसमी स्थिति से वर्षा और बढ़ सकती है। तमिलनाडु के भीतरी भागों, कर्नाटक, तेलंगाना और मध्य महाराष्ट्र भी इन मौसमों से प्रभावित होंगे।
पूर्वी और मध्य भारत में प्री-मॉनसून बारिश
ओड़ीशा, छत्तीसगढ़ और इससे सटे विदर्भ तथा मराठवाड़ा के भागों पर भी एक ट्रफ दिखाई दे रहा है। इससे देश के पूर्वी और मध्य भारत में बारिश हो सकती है। पूर्वोत्तर राज्यों में भी अगले कुछ दिनों में मौसम की हलचल बढ़ने वाली है। जब देश के अधिकांश हिस्सों में प्री-मॉनसून बारिश की गतिविधियां संभावित हैं ऐसे में केवल गुजरात के हिस्से और मध्य प्रदेश में मौसम अपेक्षाकृत अधिकांशतः शुष्क रहने के आसार हैं।