अप्रैल के पहले तीन हफ्तों के दौरान, दिल्ली और एनसीआर सहित उत्तरी मैदान सामान्य तापमान से नीचे दर्ज किए गए। इन अपेक्षाकृत ठंडे तापमान का कारण पश्चिमी हिमालय पर आने वाले लगातार पश्चिमी विक्षोभ को माना जा सकता है। उत्तर पश्चिम और मध्य भारत में प्री मानसून गतिविधियाँ भी कई बार देखी गई। उत्तर भारत में रुक रुक कर आने वाली आंधी और बारिश के कारण तापमान सामान्य से नीचे ही बने रहे।
पिछले दो दिनों से तापमान बढ़ रहा है क्योंकि मौसम शुष्क हो गया है। एक कमजोर पश्चिमी विक्षोभ पश्चिमी हिमालय के पास आ रहा है, लेकिन यह तापमान को गिराने के लिए पर्याप्त बारिश देने में सक्षम नहीं है। तापमान और बढ़ सकते हैं तथा उत्तर व मध्य भारत के अधिकांश भागों में 30 अप्रैल तक काफी गर्मी बनी रहेगी। दक्षिणी राजस्थान तथा गुजरात मैं एक-दो स्थानों पर हिट भी संभव है।
दक्षिण पश्चिमी आर्द्र हवाएँ अरब सागर से उत्तर पश्चिम और मध्य भारत के अधिकांश हिस्सों में 29 अप्रैल से नमी देना शुरू कर देंगी। पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, दक्षिण छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के कुछ भागों में आंधी और मेघ गर्जना के साथ हल्की बारिश की आशंका है। प्री-मानसून आंधी, गरज और बारिश उत्तर पश्चिम भारत, गुजरात के कुछ हिस्सों, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, ओडिशा, गांगेय पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार, पूर्वोत्तर राज्यों के कुछ हिस्सों तथा दक्षिण प्रायद्वीप में 1 मई से बढ़ने की उम्मीद है। 6 या 7 मई तक बारिश और गरज के साथ बौछारें जारी रह सकती हैं।
3 से 5 मई के बीच बिहार, पश्चिम बंगाल और उड़ीसा के कुछ हिस्सों में काल बैसाखी के नाम से जाने जाने वाली भारी बारिश तथा मेघ गर्जना के साथ बहुत तेज हवाएं और बिजली गिरने की संभावना नजर आ रही है।
इन मौसमी गतिविधियों के प्रभाव से मई के पहले सप्ताह के दौरान पूरे देश से हीटवेव एक बार फिर समाप्त होने की उम्मीद है।