हरियाणा पिछले कुछ समय से गर्म और शुष्क मौसम के दौर से गुजैर रहा है। हालांकि, पिछले 4 -5 दिनों के दौरान पूर्वी दिशा से चलने वाली ठंढी हवाओं के कारण राज्य के तापमान में मामूली गिरावट देखने को मिली है। इसके अलावा पिछले 24 घंटों के दौरान हुई हल्की बारिश से भी इस क्षेत्र में चल रही गर्म मौसम से थोड़ी राहत मिली है।
स्काइमेट द्वारा किये गए पूर्वानुमान के मुताबिक, बीते कल यानि 6 मई को हरियाणा में गरज के साथ बारिश और अलग-अलग स्थानों पर धूल भरी आंधी देखने को मिली थी। इसके अलावा, पानीपत और उसके आस-पास के इलाकों में कुछ जगहों पर भी ओलावृष्टि भी हुई।
इस मौसमी हलचल का कारण, जम्मू-कश्मीर में बने पश्चिमी विक्षोभ और इसके प्रभाव से हरियाणा के उत्तरी भागों पर बने चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र है। इन मौसमी प्रणाली के कारण राज्य के दिन के तापमान में मामूली गिरावट भी देखने को मिली वहीं रात के तापमान में भी 3-5 डिग्री की कमी दर्ज की गई। रात के तापमान में कमी के कारण इस क्षेत्र में रात का मौसम सुहावना बना रहा।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, राज्य में बारिश देने वाली मौसम प्रणाली अब दूर हो गई है। जिसके कारण प्री-मॉनसून गतिविधियां भी राज्य में कम हो जाएंगी और अधिकतम तापमान एक बार फिर से बढ़ने लगेगा। इसके अलावा, हवा का पैटर्न भी दक्षिण-पूर्वी से उत्तर / उत्तर-पश्चिमी दिशा में चलने लगेगा। 10 जून तक इन हवाओं के क्षेत्र के जारी रहने की उम्मीद है। इन हवाओं के प्रभाव के कारण राज्य के सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, भिवानी और नारनौल के अलग-अलग स्थान लू की चपेट में आ सकते हैं।
11 जून के आसपास राहत की उम्मीद है। चूंकि, तब तक एक ताजा पश्चिमी विक्षोभ पश्चिमी हिमालय तक पहुंच जाएगा और इसके प्रभाव से चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र मध्य पाकिस्तान और उससे सटे पंजाब और हरियाणा में देखा जाएगा। यह मौसम प्रणालियाँ एक बार फिर से धूल भरी आंधी और हल्की बारिश के रूप में प्री-मॉनसून की गतिविधियों की शुरुआत करेंगी।
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Image Credit: DNA India
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