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[Hindi] बंगाल की खाड़ी में चक्रवाती तूफान बनने की संभावना

May 12, 2016 3:51 PM |

Weather system in Bay of Bengalबीते दो वर्षों में मई महीने के दौरान भारत को किसी भी चक्रवाती तूफान ने प्रभावित नहीं किया। जबकि इस वर्ष मई महीने में एक चक्रवाती तूफान के विकसित होने की संभावना बन रही है। मई के शुरुआत से ही भारत के पूर्वी तटों के साथ-साथ बांग्लादेश और म्यांमार को चक्रवाती तूफान के प्रभावित करने की आशंका बनी रहती है।

स्काइमेट के अनुसार 13 मई को बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पश्चिमी किनारे और उससे सटे अंडमान सागर में एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र विकसित होने के आसार हैं। उसके पश्चात यह सिस्टम 14 या 15 मई तक निम्न दबाव में तब्दील हो जाएगा। 16 मई तक यह डीप डिप्रेशन का रूप ले सकता है।

समुद्री क्षेत्र में विकसित होने वाले इस सिस्टम को निरंतर ताक़त मिलती रहेगी और संभावना है कि यह 19 मई के आसपास इस सीजन के पहले चक्रवाती तूफान के रूप में तब्दील हो सकता है। अगर यह सिस्टम चक्रवाती तूफान का रूप लेता है तो इसे ‘रोनू’ नाम से जाना जाएगा।

मौसम के मॉडल संकेत कर रहे हैं कि यह बांग्लादेश और म्यांमार की तरफ बढ़ेगा। उत्तरी और पूर्वी दिशा में आगे बढ़ने की संभावना के बावजूद इस बात के आसार हैं कि यह भारत के पूर्वी तटीय भागों को भी प्रभावित करेगा।

चक्रवाती तूफान के लिए परिस्थितियाँ अनुकूल

स्काइमेट के अनुसार बंगाल की खाड़ी में चक्रवाती तूफान बनने के लिए स्थितियाँ इस समय अनुकूल हैं। ऐसे कई पहलू हैं जो तूफान के विकसित होने में मददगार होते हैं। हिन्द महासागर में इंटर ट्रोपिकल कनवरजेंस ज़ोन (आईटीसीज़ेड) इनमें से एक है, और यह इस समय सक्रिय है, जिससे बंगाल की खाड़ी में चक्रवाती हवा के क्षेत्र विकसित होने की प्रबल संभावना है। दूसरा अहम पहलू है समुद्र की सतह का तापमान, जो इस समय सिस्टम के बनने के लिए अनुकूल माना जा रहा है। इन सबके अलावा मॉनसूनी हवाएँ भी इस समय हिन्द महासागर में बनने लगती हैं, जो खाड़ी में विकसित होने वाले सिस्टमों के लिए सहायक सिद्ध होती हैं।

मई में चक्रवाती तूफानों के महत्व

मई में बनने वाले ऐसे मौसमी सिस्टम दक्षिण पश्चिम मॉनसून के लिए बेहद अहम माने जाते हैं, और अंडमान व निकोबार द्वीपसमूह पर मॉनसून को आगे बढ़ाने में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। खाड़ी में बनने वाले संभावित चक्रवाती तूफान के चलते ही इस बात की संभावना बन रही है कि खाड़ी के द्वीपीय भागों में मॉनसून समय से पहले 18 से 20 मई के बीच पहुँच सकता है।

भारत में चक्रवात

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भारत आमतौर पर प्रति वर्ष दो बार चक्रवाती तूफान का सामना करता है। पहला प्री-मॉनसून सीज़न में अप्रैल या मई माह के दौरान प्रभावित करता है। दूसरा चक्रवात मॉनसून समाप्त होने के बाद अक्टूबर या नवंबर में आता है।

ऐसे तूफानों की संख्या बंगाल की खाड़ी में अरब सागर के मुक़ाबले अधिक होती है। वर्ष 2001 से 2013 के बीच देश में मई महीने में 11 चक्रवाती तूफान आए। इनमें से 7 बंगाल की खाड़ी में जबकि 4 अरब सागर में विकसित हुए।

 

2010 में लैला और 2013 में आया महासेन तूफान

Cyclone Mahasen in Bay of Bengal
Cyclone Mahasen in Bay of Bengal

बंगाल की खाड़ी में विकसित होने वाले तूफानों में 75% तूफान बांग्लादेश और म्यांमार की तरफ रुख करते हैं। भारत के तटों की तरफ बढ़ने वाले तूफान ओड़ीशा या आंध्र प्रदेश के तटीय भागों के पास दस्तक देते हैं। वर्ष 2013 में 11 मई को बंगाल की खाड़ी में महासेन नाम का तूफान विकसित हुआ था और इसने बांग्लादेश के तटीय भागों को प्रभावित किया था। इससे पहले वर्ष 2010 में 18 मई को बंगाल की खाड़ी में ‘लैला’ तूफान बना था और इसने भारत के आंध्र प्रदेश के तट पर दस्तक दी थी।

 

 

Image credit: en.wikipedia.org

 

 






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