दक्षिण भारत में भारी वर्षा शुरू होने की संभावना दिखाई दे रही है। क्योंकि दक्षिण-पूर्व अरब सागर के ऊपर एक कम दबाव का क्षेत्र और बंगाल की दक्षिण-पश्चिमी खाड़ी के ऊपर एक चक्रवाती परिसंचरण मिलकर प्रायद्वीप पर वर्षा को बढ़ा सकते हैं। मौसम प्रणालियों के इस समन्वय के प्रभाव से अच्छी बारिश होने की संभावना है। जिसकी तीव्रता 4 और 5 जनवरी को लक्षद्वीप, केरल और तटीय कर्नाटक पर केंद्रित होगी।
इन क्षेत्रों में रहने वाले लोग तेज बारिश की गतिविधियों की उम्मीद कर सकते हैं। जबकि तमिलनाडु, रायलसीमा और आंतरिक कर्नाटक में इस दौरान हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। बारिश का सिलसिला यहीं नहीं रुकेगा, 6 या 7 जनवरी से तमिलनाडु के दक्षिणी तट, आंध्र प्रदेश और केरल के कुछ हिस्सों में भी तेज बारिश होने की उम्मीद है। यहां तक कि तेलंगाना में भी 7 और 8 जनवरी को हल्की बारिश के साथ गीले मौसम का अनुभव हो सकता है। इससे राहत मिलेगी, क्योंकि 9 जनवरी तक पूरे दक्षिण प्रायद्वीप में बारिश कम होने की उम्मीद है।
लेकिन, यह दक्षिण भारत के लिए हाल के दिनों में सबसे तीव्र और व्यापक वर्षा की गतिविधियों में से एक हो सकता है। हालांकि, बड़े पैमाने पर भारी बारिश की उम्मीद नहीं है। तमिलनाडु, केरल और तटीय कर्नाटक में अलग-अलग हिस्सों में एक या दो तीव्र बारिश का अनुभव हो सकता है। अपने क्षेत्र में मौसम की चेतावनियों और सलाह के बारे में अपडेट रहें । खासकर यदि आप इन संवेदनशील क्षेत्रों में रहते हैं।
यह याद रखना जरूरी है कि भले ही बड़े पैमाने पर बाढ़ की आशंका नहीं है। फिर भी केंद्रित क्षेत्रों में भारी बारिश स्थानीय बाढ़ और व्यवधान का कारण बन सकती है। इसलिए सतर्क रहें, विशेष रूप से अतिप्रवाहित जल निकायों के पास और बाढ़ वाले क्षेत्रों में जाने से बचें। अपनी सुरक्षा और संपत्ति के लिए आवश्यक सावधानी बरतें।
आगामी बारिश न केवल शुष्क मौसम से राहत दिला सकती है। बल्कि जल संसाधनों की भरपाई भी करेगी और कृषि गतिविधियों के लिए सहायक होगी। उम्मीद है कि यह बारिश का मौसम पूरे दक्षिण भारतीय क्षेत्र के लिए फायदेमंद साबित होगा।
फोटो क्रेडिट: इंडिया टीवी