मॉनसून का मुख्य महीना, अगस्त 2021, 1951 के बाद से दूसरा सबसे खराब मॉनसून महीना बन गया है। महीना लॉन्ग पीरियड एवरेज (LPA) के 24% की कमी के साथ समाप्त हो गया है। इस दुराण 258.2 मिमी के मासिक सामान्य के मुकाबले महज 196.2 मिमी बारिश ही दर्ज की गई है। यह महीना 25 दिनों में सामान्य से कम दैनिक वर्षा दर्ज करने के लिए भी रिकॉर्ड में जाता है। तीसरे सप्ताह के दौरान यह कमी लगभग 40% या उससे भी अधिक हो गई।
जुलाई और अगस्त एक अच्छे मानसून के मौसम के लिए, सामान्य से बेहतर प्रदर्शन करने के लिए मुख्य मानसून महीने है। मानसून 2021 जुलाई में सामान्य से कम बारिश के साथ एलपीए के 93% पर समाप्त हुआ। हालाँकि अगस्त ने पिछले 70 वर्षों में बारिश के आंकड़ों की सबसे बड़ी कमी होने से बचा लिया।
20% से अधिक की कमी के साथ अगस्त वर्षा (1951-2021)
वर्ष 2009 एक अल नीनो वर्ष था जिसमें 22 प्रतिशत की कमी के साथ गंभीर सूखा समाप्त होने वाला मानसून का मौसम था। 2009 के दौरान सितंबर का महीना भी विफल रहा क्योंकि इसमें 19% की कमी दर्ज की गई थी। संयोग से, 2021 की स्थितयां थोड़ी अलग लग रही हैं। सितंबर का महीना अच्छा प्रतीत होता है और इसके सामान्य या सामान्य से अधिक बारिश होने की उम्मीद है।
स्काइमेट के मौसम विज्ञानियों के अनुसार, सितंबर के महीने में बंगाल की खाड़ी में 3-4 मॉनसूनी मौसमी सिस्टम बनने की उम्मीद है, जिससे अधिकांश हिस्सों में मॉनसून की बारिश देखने को मिल सकती है। पिछले मौसमी सिस्टम के अवशेष गुजरात, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश तक पहुँच चुके हैं। 5-6 सितंबर के आसपास बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक और मॉनसून निम्न दबाव बनने की संभावना है। यह मौसम सिस्टम भारत के पूर्वी, मध्य और उत्तरी भागों में अपने पूर्ववर्ती और अच्छी बारिश की शुरुआत करेगी। सितंबर का महीना मानसून की बारिश की रिकवरी लाने और मौसम को सूखे के प्रभाव से बचाने के लिए है।