[Hindi] प्रदूषण: भारत में ज़हरीली हवा समय से पहले लाखों लोगों की ले लेती है जान

December 8, 2018 9:30 AM | Skymet Weather Team

 

भारत में दूषित हवा के कारण वर्ष 2017 में लगभग 12.4 लाख लोगों ने जान गंवाई। भारत दुनिया में चौथा सबसे बड़ा कार्बन उत्सर्जक देश है। हालांकि दुनिया में कुल कार्बन उत्सर्जन में भारत का योगदान महज़ 7% है। चीन 27% से अधिक उत्सर्जन के साथ शीर्ष पर है। अमरीका भी दूसरे नंबर पर है और यह दुनिया में कुल कार्बन उत्सर्जन का 15% उत्सर्जन करता है। यानि यह दो देश मिलकर दुनिया के लगभग आधी आबादी के हिस्से का कार्बन उत्सर्जन करते हैं, जिसका खामियाजा दुनिया के अनेक विकासशील और गरीब देशों को भुगतना पड़ता है।

भारत में प्रदूषण से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले क्षेत्र उत्तर में स्थित राज्य हैं। खासकर दिल्ली-एनसीआर में लोग प्रदूषण के सबसे ज्यादा शिकार होते हैं। हाल ही में किए गए एक अध्ययन में यह बात सामने आई है। अध्ययन के अनुसार पूरे विश्व में वायु प्रदूषण के कारण समय से पहले लगभग 18 फ़ीसदी लोग अपनी जान गवा देते हैं जबकि भारत में कुल मौतों में 26% लोगों की मौत का कारण प्रदूषण को माना गया है। इन आंकड़ों से समझा जा सकता है कि प्रदूषण धीरे-धीरे कितना भयावह रूप लेता जा रहा है।

नेशनल एंबिएंट एयर क्वालिटी स्टैंडर्ड नामक एजेंसी के अनुसार लगभग 77 फीसदी से अधिक आबादी स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित मात्रा से कहीं अधिक प्रदूषित हवा में साँस लेने को मजबूर है। अध्ययन में यह भी सामने आया कि पार्टिकुलेट मैटर यानी पीएम 2.5 के अंतर्गत आने वाले सूक्ष्म प्रदूषण कण हवा में घुलकर सांस के जरिए लोगों के फेफड़ों में पहुंचते हैं और सांस संबंधी गंभीर बीमारी का कारण बनते हैं।

Image credit: IndiaTV

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