दिल्ली-एनसीआर में बीते 2-3 दिनों से मौसम शुष्क होने के साथ प्रदुषण में कमी बनी हुई थी। लेकिन पिछले 24 घंटों में प्रदूषण में वृद्धि देखने को मिली है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के अलावा नोएडा, गाज़ियाबाद, गुरुग्राम और फरीदाबाद में भी हवा की रफ्तार कम हो गई है जिसके कारण इन शहरों में भी पिछले 24 घंटों में प्रदूषण बढ़ा है।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, हवा की रफ्तार में ही कमी नहीं आई है बल्कि इसकी दिशा भी बदल गई जिससे दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता ख़राब हुई है। दिल्ली-एनसीआर में इस समय हवा का रुख उत्तर-पश्चिमी दिशा से बदलकर दक्षिण-पश्चिम हो गया है। ऐसा उत्तर भारत में बने नए पश्चिमी विक्षोभ और इसके कारण मध्य पाकिस्तान तथा इससे सटे पश्चिमी राजस्थान बने चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र के कारण हुआ है।
स्काइमेट का अनुमान है कि उत्तर भारत में बने इन सिस्टमों के कारण फिलहाल दिल्ली-एनसीआर में बारिश देखने को नहीं मिलेगी। अगले दो-तीन दिनों तक मौसम साफ और शुष्क बना रहेगा। दक्षिण-पश्चिमी हल्की हवाएँ चलेंगी जिसके कारण आने वाले दो दिनों में प्रदूषण "खराब से बढ़कर चिंताजनक" स्थिति में पहुँच सकता है। इसके चलते राजधानी के लोगों को अगले 2 दिनों तक प्रदूषित हवा में सांस लेना पड़ सकता है।
हालांकि 11 मार्च से इन स्थितियों में बदलाव देखने को मिल सकता है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार 11 मार्च तक एक प्रभावी पश्चिमी-विक्षोभ, उत्तर भारत में आ सकता है। यह सिस्टम 13 मार्च तक सक्रिय रहेगा। इसके चलते दिल्ली-एनसीआर में 11 से 13 मार्च के बीच हल्की बारिश होने का अनुमान है। यह बारिश राजधानी की हवा से प्रदूषण के कणों को साफ कर सकती है और वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI)में सुधार आ सकता है।
Image Credit: Indian Express
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