दिल्ली में प्रदूषण का दैत्य विकराल रूप धारण कर दिल्ली वालों की सांस पर बीते कई दिनों से पहरे लगाए बठाए था। दिल्ली और इसके आसपास के भागों में बीते कई दिनों से घनी धुंध की घनी चादर तनी हुई थी। इसके चलते राष्ट्रीय राजधानी में दृश्यता का स्तर भी काफी नीचे चल रहा था। मंगलवार को दिन में 11 बजे से हल्की शुष्क उत्तर-पश्चिमी हवाएँ चलना शुरू हुई लेकिन इससे प्रदूषण के स्तर में कोई कमी नहीं आई। शाम के समय तक हवा की गति बढ़ने से प्रदूषण के स्तर में कुछ कमी की आहट दिखाई देने लगी। हवा का रुख और इसकी गति आज सुबह भी बढ़ती हुई नज़र आई जिसका परिणाम है कि आज सुबह से ही दृश्यता में कुछ सुधार रहा।
इससे पहले उत्तर-पश्चिम भारत में एक एंटी साइक्लोनिक सर्कुलेशन बना हुआ था जो उत्तरी-पश्चिमी शुष्क हवाओं को रोक रहा था। साथ ही एक पश्चिमी विक्षोभ भी जम्मू-कश्मीर को पार कर रहा था जो हवाओं की गति और दिशा दोनों को प्रभावित कर रहा था। अब यह दोनों मौसमी सिस्टम निष्प्रभावी हो गए हैं। परिणामस्वरूप मध्यम गति की शुष्क उत्तर-पश्चिमी हवाएँ चलने लगी हैं।
वर्तमान मौसमी परिदृश्य के आंकलन के बाद स्काइमेट का मानना है कि हवाओं की रफ्तार धीरे-धीरे और ज़ोर पकड़ेगी, जो धुंध और प्रदूषण को व्यापक रूप में कम करेगी।
मंगलवार की दोपहर तक पीएम 2.5 का स्तर काफी अधिक बना हुआ था। आनंद विहार, मथुरा रोड, लोधी रोड, दिल्ली विश्वविद्यालय, नोएडा, गाज़ियाबाद और गुरुग्राम जैसे कई इलाकों में इसका स्तर 500 से भी ऊपर बना हुआ था, जो स्वास्थ्य के लिए गंभीर रूप से खतरानाक़ है। भयानक प्रदूषण से लोगों का साँस लेना दूभर हो रहा था।
अब हवा में बदलाव है, वातावरण भी पहले से साफ हुआ है। अगले कुछ दिनों तक यह हवाएँ बनी रहेंगी। इसलिए हम आशा कर सकते हैं कि आने वाले कुछ दिनों के दौरान हम राहत की स्वच्छ साँस ले सकते हैं। लेकिन समग्रता में राहत बारिश के बाद ही मिल सकती है जिसके आसार फिलहाल दूर-दूर तक नज़र नहीं आ रहे।
Image credit: Devendra
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