राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और आसपास के शहरों में सर्दियाँ क्या आती हैं, प्रदूषण भी पैर फैलाने लगता है। अक्टूबर महीने की शुरुआत से ही दिल्ली और इससे सटे शहरों नोएडा, गाज़ियाबाद, फ़रीदाबाद और गुरुग्राम में हवा की गुणवत्ता में काफी गिरावट देखने को मिली है। इन भागों में पीएम 2.5 और पीएम 10 दोनों ही प्रायः खतरनाक स्तर पर पहुँच गया है। आने वाले दिनों में भी हवा में प्रदूषण बढ़ने का खतरा है।
दिल्ली और आसपास के शहरों में पिछले कुछ दिनों से बारिश नहीं हुई है और ना ही पश्चिमी दिशा से तेज़ हवाएँ चल रही हैं। आमतौर पर सर्दी के मौसम में बढ़ते प्रदूषण पर इन्हीं बदलावों से लगाम लगती है। अगले 2-3 दिनों तक ऐसी स्थितियाँ बनती दिखाई नहीं दे रही हैं। हालांकि 27 अक्टूबर को दिल्ली और एनसीआर में हल्की बारिश होने की उम्मीद है। लेकिन उस दौरान भी बारिश इतनी तेज़ नहीं होगी कि हवाओं में उलझे प्रदूषण के कणों को साफ कर सके।
दूसरी ओर मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि इस समय हवाओं में नमी बनी हुई है और हवा की रफ्तार कम है। यही वजह है कि राजधानी के लोगों को गंदी हवा में सांस लेना पड़ रहा है। रात और सुबह के समय हवा मंद हो जाती है तथा तापमान कम होने से नमी का स्तर बढ़ जाता है जिसके चलते सुबह घनी धुंध में लिपटा प्रदूषण लोगों के लिए परेशानी का सबब बन जाता है। दृश्यता में भी कमी आती है।
राजधानी दिल्ली में बुधवार को अधिकतम तापमान सामान्य से 1 डिग्री ऊपर 32 डिग्री सेल्सियस रहा। जबकि न्यूनतम तापमान सामान्य से 1 डिग्री कम 16 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। अगले 2-3 दिनों में रात के तापमान में और कमी आएगी लेकिन दिन में पारा इसी स्तर पर बना रहेगा, जिससे प्रदूषण की स्थिति में कोई बदलाव दिखाई नहीं दे रहा।
आज मुंडका में प्रदूषण ख़तरनाक स्तर पर पहुँच गया। यहाँ दिन में पीएम 10 का स्तर 428 पर बना रहा। इसी तरह आनंद विहार भी व्यापक रूप में प्रदूषित इलाकों में शुमार रहा। पंजाबी बाग, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, पटपड़गंज और ओखला सहित कई इलाके तेज़ प्रदूषण का शिकार हो रहे हैं। गाज़ियाबाद एनसीआर के सबसे अधिक प्रदूषित क्षेत्रों में से है।
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