वायु गुणवत्ता एवं मौसम पूर्वानुमान अनुसंधान प्रणाली (SAFAR) के अनुसार दिल्ली की हवा में प्रदूषण ऊपरी स्तर पर ही बना रहेगा। दुनिया के सबसे अधिक प्रदूषित शहरों में शुमार दिल्ली के लोग आने वाली दिनों में भी हवा में मौजूद बेहद खतरनाक स्तर के कणों के बीच सांस लेने को मजबूर रहेंगे।
स्काइमेट के अनुसार दिल्ली में वर्तमान प्रदूषण के स्तर में कमी तभी आ सकती है जब यहां अच्छी बारिश का एक-दो दौर आए। दिल्ली और आसपास के भागों में सुबह के समय धुंध और कुहासा छा रहा है। उत्तर भारत के पर्वतीय राज्यों में अगर मौसमी गतिविधियां बढ़ती हैं तो राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण की स्थिति और खराब होगी।
मंगलवार, 24 नवंबर को दिल्ली में पर्टिकुलेट मैटर (PM) का स्तर 229 माइक्रो ग्राम प्रति क्यूबिक मीटर पर था। जबकि 2014 में 24 नवंबर को यह 145 माइक्रो ग्राम प्रति क्यूबिक मीटर रेकॉर्ड किया गया था। दिल्ली की फिजाँ में नमीं जैसे ही बढ़ेगी धुंध और बढ़ जाएगी, जिससे दिल्ली में 27 नवंबर तक प्रदूषण काफी अधिक बना रहेगा।
उत्तर भारत के पहाड़ों पर बारिश और बर्फबारी की गतिविधियां बढ़ने के साथ मैदानी भागों में कोहरे का विस्तार होगा। कोहरे के चलते प्रदूषण के कण हवा में काफी अधिक समय तक बने रहते हैं जिससे प्रदूषण की स्थिति और खराब हो सकती है। दिल्ली और आसपास के भागों में सांस संबंधी बीमारियाँ बढ़ गई हैं, जिसमें और उछाल आ सकता है। स्वस्थ्य विशेषज्ञों का सुझाव है कि प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए सुबह के समय घूमने फिरने ना जाएँ साथ ही बाहर निकलते समय प्रदूषण से बचाव के लिए मास्क का इस्तेमाल करें।
दिल्ली के लिए मौसम का पूर्वानुमान बहुत उत्साहजनक नहीं है। क्योंकि राष्ट्रीय राजधानी और आसपास के भागों में अगले कुछ दिनों तक बारिश की संभावना फिलहाल नहीं है। यह सभी को ज्ञात है कि अच्छी बारिश से हवा में मौजूद प्रदूषक कण साफ हो जाते हैं और वातावरण स्वच्छ हो जाता है। लेकिन आने वाले दिनों में दिल्ली में ना के बराबर बारिश की संभावना के चलते महानगर के लोगों को सांस लेने काफी दिक्कतें होंगी।
कार फ्री दे मनाने और स्कूलों को कुछ समय के लिए बंद करने सहित अन्य उपायों के जरिए दिल्ली की हवा की गुणवत्ता को कुछ हद तक सुधारा जा सकता है। सरकार के साथ-साथ जागरूक नागरिकों को भी सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल, कूड़ा-करकट को जलाने का कड़ाई से प्रतिरोध और स्वच्छ ईंधन के उपयोग जैसे प्रभावी उपायों को प्रोत्साहित करना चाहिए। वायु प्रदूषण दिल्ली के वातावरण को और नष्ट करे तथा शहर के लोगों की मुश्किलें और बढ़ाए इससे पहले इसे सुधारने के लिए एक व्यापक कार्ययोजना को क्रियान्वित करने की आवश्यकता है।
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