दिल्ली का प्रदूषण शांत होता दिखाई नहीं दे रहा है। सितंबर के अंत से ही दिल्ली की हवा की गुणवत्ता निरंतर खराब होती गई है और पिछले एक सप्ताह से हालात बेहद चुनौतीपूर्ण बने हुए हैं। इस बीच दिल्ली और आसपास के शहरों में हवा की दिशा बदल गई है। इस समय दक्षिण-पूर्वी आर्द्र हवाएँ चल रही हैं। हालांकि हवा की गति काफी कम होने के चलते प्रदूषण की स्थिति में कोई विशेष बदलाव नहीं आया है।
स्काइमेट के वरिष्ठ मौसम विशेषज्ञों के अनुसार अगले 24 से 48 घंटों तक प्रदूषण के हालत में किसी बदलाव की उम्मीद नहीं है, क्योंकि इस दौरान ना तो हवाओं की गति बढ़ेगी और ना बारिश होगी। गौरतलब है कि दिल्ली वालों को इस व्यापक प्रदूषण से तेज़ हवाएँ या अच्छी बारिश ही राहत दिला सकती हैं।
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इस बीच लंबे समय से प्रदूषण से परेशान दिल्ली को 15 नवंबर से कुछ राहत मिलने की संभावना है। 14 से 16 नवंबर के बीच उत्तर भारत के मैदानी राज्यों में बारिश होने के संकेत मिल रहे हैं। इस दौरान दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम, गाज़ियाबाद और फ़रीदाबाद में भी एक-दो स्थानों पर गरज के साथ हल्की वर्षा दर्ज की जा सकती है।
बारिश का प्रभाव दिल्ली-एनसीआर में कम रहेगा जबकि पंजाब, हरियाणा और उत्तरी राजस्थान में इस दौरान कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है। बारिश के चलते उम्मीद करते हैं कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 16-17 नवंबर से प्रदूषण से कुछ समय की राहत मिलेगी।
फिलहाल अगले दो दिनों तक प्रदूषण का प्रचंड प्रकोप दिल्ली और इससे जुड़े शहरों पर हावी रहेगा। हवा बदलकर उत्तर-पश्चिमी से दक्षिण-पूर्वी हो गई है, जो आर्द्र और मद्धम है। ऐसे में हवाओं में बने प्रदूषण के कण, धूल, धुएँ, कार्बन और अन्य गैसें साफ नहीं होंगी और दिल्ली का दम घोंटती रहेंगी।
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