प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में देश को संबोधित करते हुए तमिलनाडु में हाल की भीषण बारिश से उपजे बाढ़ जैसे हालत का भी ज़िक्र किया। श्री मोदी ने राज्य को केंद्र की तरफ से हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। असामान्य बारिश के चलते समूचे तमिलनाडु में बाढ़ जैसे हालत बन गए जिससे राज्य के लोगों को काफी नुकसान उठाना पड़ा। तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में भी बाढ़ जैसी स्थितियाँ उत्पन्न हो गई हैं। राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने बीते 2-3 सप्ताह के दौरान मौसम के चलते राज्य के अधिकांश भागों में बड़े पैमाने पर हुई तबाही पर दुख व्यक्त किया। उन्होंने भरोसा जताया कि इससे उबरने के लिए राज्य पूरी तरह से सक्षम है। राज्य पर आए इस संकट के लिए उन्होंने ग्लोबल वार्मिंग को जिम्मेदार ठहराया।
तमिलनाडु की बाढ़ पर बात करते हुए प्रधानमंत्री ने आपदा राहत और आपदा पूर्व की तैयारियों पर दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) के देशों के बीच पूर्ण सहयोग सुनिश्चित करने के अपने विचार का फिर से ज़िक्र किया। मोदी ने ऊर्जा संरक्षण की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए कहा कि ऊर्जा का संरक्षण सभी की ज़िम्मेदारी है।
प्रधानमंत्री के 27 मिनट के सम्बोधन में तमिलनाडु सरकार के 8481 करोड़ रूपये के नुकसान के आंकलन का ज़िक्र नहीं था। हालांकि केंद्र सरकार ने राज्य को राहत के तौर पर फिलहाल 940 करोड़ रुपये का पैकेज जारी किया है लेकिन तमिलनाडु की 2000 करोड़ रुपये की शीघ्र मांग पर अभी रूख स्पष्ट नहीं है। इससे पहले राज्य की मुख्यमंत्री जयललिता ने सबसे अधिक बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत, बचाव और पुनर्वास कार्यक्रमों को तेज़ करने के लिए 500 रुपये जारी किए थे।
इस बीच आने वाले दिनों में तमिलनाडु के लगभग सभी भागों में और बारिश होने की संभावना है, जिससे राहत मिलने की बजाए स्थितियाँ और खराब होने की आशंका पैदा हो गई। हालांकि बीते कुछ दिनों के दौरान राज्य में बारिश कम हुई थी जिससे राज्य के लोगों को कुछ राहत मिली थी। बाढ़ का पानी पूरी तरह से तभी निकल पाएगा जब अगले कुछ दिनों तक बारिश ना हो। लेकिन वर्तमान मौसमी परिदृश्य को देखते हुए इसकी संभावना कम ही नज़र आ रही है।
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