उत्तर भारत के पर्वतीय राज्यों में बीते दिनों भारी वर्षा दर्ज की गई। हालांकि अब बारिश में कमी आ गई है और इस सप्ताह के आखिर में पर्यटन के लिहाज से पर्वतीय राज्यों में मौसम अनुकूल रहेगा और आप खुशनुमा मौसम के लिए अपना ट्रिप प्लान कर सकते हैं। लेकिन पहाड़ों पर भूस्खलन की घटनाएँ भारी बारिश के बाद भी कुछ समय तक होने के खतरा बना रहता है इसलिए यात्रा में सावधानी की दरकार होगी।
हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में बीते दिनों की भारी वर्षा के चलते कई जगहों पर भूस्खलन और बाढ़ जैसी स्थितियाँ देखने को मिली। कई जगहों पर सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं जिसके चलते आने कई रस्तों पर आवागमन अवरुद्ध है। हाल ही में हिमाचल के मंडी में भूस्खलन के चलते 2 बसें खाई में गिर गिर गईं जिसमें 46 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य गंभीर रूप से ज़ख्मी हो गए। उत्तराखंड के पिथौरागढ़ ज़िले में बादल फटने की घटना भी सामने आ चुकी है।
[yuzo_related]
जम्मू कश्मीर में पहले से ही बारिश की गतिविधियां कम हो रही थीं। उत्तर भारत में पहुँच रहे पश्चिमी विक्षोभ अपेक्षाकृत बहुत प्रभावी नहीं हैं जिससे तीनों पर्वतीय राज्यों में अगले कुछ दिनों तक बारिश में कमी बनी रहेगी। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि मॉनसून की अक्षीय रेखा के दक्षिण की तरफ बढ़ने से अब उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में भी मॉनसून वर्षा में व्यापक कमी आएगी। पिछले 24 घंटों के दौरान पर्वतीय राज्यों में विशेष हलचल नहीं रही। हालांकि इस दौरान नैनीताल में 14 मिलीमीटर और नाहन में 9.2 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई। बाकी हिस्सों में मौसम मुख्यतः शुष्क रहा।
वर्तमान मौसमी परिदृश्य के आंकलन के अनुसार जम्मू में कटरा से लेकर श्रीनगर, शिमला, धर्मशाला, मनाली, कुल्लू, नैनीताल, मसूरी, ऋषिकेश में इस सप्ताह के आखिर में मौसम मुख्यतः शुष्क रहेगा। इन भागों में आंशिक बादलों के साथ हल्की शीतल हवाएँ चलेंगी। पर्यटक इन भागों में सुहावने मौसम के साथ पहाड़ी वादियों में खूबसूरत नज़रों का दीदार कर सकते हैं। तो 18 से 20 अगस्त की पहाड़ों की ट्रिप प्लान करें, लेकिन सावधानी भी बरतें।
Image credit: iTraveller
कृपया ध्यान दें: स्काइमेट की वेबसाइट पर उपलब्ध किसी भी सूचना या लेख को प्रसारित या प्रकाशित करने पर साभार: skymetweather.com अवश्य लिखें।