देश के पूर्वी राज्यों विशेषकर बिहार के लिए प्री-मॉनसून सीज़न कमोबेस संतोषजनक रहा। अप्रैल से ही बिहार के उत्तर और पूर्वी भागों में रुक-रुक कर प्री-मॉनसून वर्षा हो रही है जिसके चलते इन भागों में लोगों को लू से राहत मिली है। हालांकि पटना और गया सहित राज्य के दक्षिणी और पश्चिमी हिस्सों में जल देव की विशेष कृपा नहीं बरसी है, जिससे इन भागों में तापमान सामान्य से ऊपर रिकॉर्ड किया जा रहा है।
बीते 24 घंटों के दौरान दर्ज किए अधिकतम तापमान का ज़िक्र करें तो पटना में कल पारा सामान्य से 6 डिग्री अधिक 43.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। इसी तरह गया में भी अधिकतम तापमान सामान्य से 3 डिग्री ऊपर 44.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। रांची में सामान्य से 5 डिग्री अधिक 41.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जमशेदपुर में 3 डिग्री अधिक 41.8 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।
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बिहार और झारखंड में मौसम के इस मिजाज़ में अगले 3-4 दिनों तक किसी विशेष बदलाव की संभावना नहीं है। हालांकि 3-4 दिनों के पश्चात 26 और 27 मई से इन भागों में मौसम करवट लेगा और कई जगहों पर प्री-मॉनसून वर्षा दर्ज की जाएगी। बिहार पर आने वाले समय में एक ट्रफ बनने की संभावना है। इसके अलावा बंगाल की खाड़ी के उत्तर और पश्चिम में एक निम्न दबाव विकसित हो सकता है। इन्हीं मौसमी सिस्टमों के चलते पूर्वी भारत के राज्यों में 27 मई के बाद अच्छी वर्षा देखने को मिल सकती है।
निम्न दबाव के प्रभाव से बंगाल की खाड़ी से उठने वाली नम हवाओं का प्रवाह पूर्वी भारत के राज्यों पर बढ़ जाएगा जिससे बिहार में मई की विदाई अच्छी बारिश के साथ होने की उम्मीद की जा रही है। इस दौरान बिहार में कई जगहों पर तेज़ हवाओं और भारी बारिश के साथ कुछ स्थानों पर बिजली गिरने की भी आशंका है। बारिश के चलते तापमान में व्यापक रूप में कमी आएगी और वर्तमान में सामान्य से ऊपर चल रहे तापमान के चलते भीषण गर्मी से बहुप्रतीक्षित राहत भी मिलेगी। निम्न दबाव के प्रभाव से झारखंड के कई इलाकों में 26-27 मई से अच्छी वर्षा होने का अनुमान है।
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