भारत में अब तक मॉनसून का प्रदर्शन जहां सामान्य से बेहतर रहा वहीं बिहार और झारखंड सहित कुछ इलाके ऐसे भी हैं जहां कमजोर मॉनसून के चलते सूखे जैसे हालात बने रहे। यह हालात अब बदलने वाले हैं। इन राज्यों में अब तक सुस्त रहा मॉनसून सक्रिय होने वाला है। वर्तमान मौसमी परिदृश्य संकेत कर रहे हैं कि बिहार और झारखंड के अधिकांश इलाकों में जल्द ही बारिश बढ़ेगी और कुछ स्थानों पर भारी मॉनसूनी बौछारें देखने को मिलेंगी।
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इस समय गंगा के मैदानी भागों में उत्तर प्रदेश से लेकर बिहार तक मॉनसून की अक्षीय रेखा सक्रिय हो गई है। इसके अलावा एक चक्रवाती सिस्टम पूर्वी उत्तर प्रदेश पर और एक अन्य सिस्टम हिमालय से सटे पश्चिम बंगाल पर बना हुआ है। इन मौसमी सिस्टमों के प्रभाव से बिहार और झारखंड में अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की जा सकती है। रांची, जमशेदपुर, पटना, गया और भागलपुर सहित दोनों राज्यों में अगले 2-3 दिनों तक मॉनसून वर्षा जारी रहने की संभावना है।
बिहार के उत्तरी हिस्सों में इस दौरान मूसलधार वर्षा हो सकती है। सुपौल, किशनगंज, अररिया और पुर्णिया जैसे उत्तरी तराई वाले जिलों में अगले कुछ दिनों के दौरान भीषण बारिश से बाढ़ जैसे हालत पैदा हो सकते हैं। बिहार के साथ-साथ इससे सटे नेपाल के भागों में भी मूसलाधार वर्षा दर्ज की जाएगी। नेपाल में होने वाली भारी बारिश का प्रभाव बिहार तक देखने को मिलता है।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार संभावित बारिश के चलते राज्य की कई नदियों में जलस्तर बढ़ने से आसपास के गाँवों में बाढ़ आने का अनुमान है। हालांकि बिहार में यह बारिश और पानी खरीफ बुआई के लिए मददगार होगा। बुआई का शुरुआती दौर होने के नाते फसलों को विशेष नुकसान की आशंका नहीं है।
इसके अलावा बीते दिनों से जारी शुष्क मौसम के कारण भी मिट्टी में नमी कम है जिससे अगले 2-3 दिनों की भारी वर्षा बहुत नुकसान नहीं करने वाली। साथ ही उम्मीद करते हैं कि दोनों राज्यों में बारिश में कमी के आंकड़ों में कुछ सुधार होगा और सूखे से राहत मिलेगी। फिलहाल बिहार में 1 जून से 3 जुलाई के दौरान 34 प्रतिशत कम और झारखंड में 22 प्रतिशत कम बारिश हुई है। आगामी बारिश के दौर से इन आंकड़ों में कुछ सुधार आने की संभावना है।
Image credit: The Indian Express
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