बिहार और झारखंड में मॉनसून का आगमन काफी पहले हो गया था। हालांकि कोई विशेष मौसमी सिस्टम न होने के कारण इन राज्यों में मॉनसून सामान्य से कम बना रहा। इसी कारण महज कुछ स्थानो में ही बारिश देखने को मिली।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, दक्षिण-पूर्वी उत्तर प्रदेश और इसके आस-पास के मध्य प्रदेश के भागों पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। इसके अलावा दक्षिण-पश्चिमी भारत से उत्तर प्रदेश होते हुए बंगाल की खाड़ी के उत्तर-पश्चिमी भागों तक भी एक ट्रफ रेखा फ़ैली हुई है।
बिहार और झारखंडमें इन मौसमी सिस्टमों के कारण बारिश में बढ़ोत्तरी हो सकती है। इसके कारण अगले 24 घंटों के दौरान यहां के इलाकों में मध्यम बारिश तथा कुछ स्थानों परभारी बारिशहोने के आसार हैं। इसके बाद, ट्रफ रेखा उत्तर दिशा की तरफ बढ़ने की संभावना है जिससे बिहार के अधिकांश इलाकों में भारी बारिश की उम्मीद है।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों का अनुमान है कि बिहार में बारिश की यह गतिविधियां 11 जुलाई तक जारी रह सकती हैं। इसके अलावा झारखंड में भी अगले 3 से 4 दिनों के दौरान मध्यम से भारी बारिश होने के आसार हैं। वहीं सुपौल, पूर्णिया, अररिया, पटना, गया, कटिहार, औरंगाबाद, रोहतास, भोजपुर, बेगूसराय, मुंगेर, नालंदा और बक्सर जैसे इलाकों में अगले 24 घंटों के दौरान भारी से अति भारी बारिश होने के आसार हैं।
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बिहार में मॉनसून के आगमन के बाद अब तक, औसत से 49%कम बारिशदर्ज हुई है। वहीं झारखंड में भी 44% कम बारिश दर्ज की गयी है। मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि इन राज्यों में होने वाली बारिश से, आंकड़ों में सुधार की संभावना है।
Image Credit: Youtube
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