पूर्वी भारत के कुछ भागों में पिछले 2-3 दिनों से प्री-मॉनसूनी गतिविधियां देखने को मिल रही हैं। विशेषकर पूर्वी बिहार और झारखंड में वर्षा हुई है। इसके चलते पूर्वी भारत में तेज़ गर्मी से राहत मिली है।
बिहार और झारखंड में आमतौर पर मार्च के आखिर में और अप्रैल में प्री-मॉनसून वर्षा की गतिविधियां देखने को मिलती हैं। इस बीच बिहार के उत्तर-पूर्वी जिलों में पिछले 24 घंटों के दौरान गरज के साथ हल्की बारिश रिकॉर्ड की गई है। इसी तरह से झारखंड के भी पूर्वी क्षेत्रों में मौसम में हलचल देखने को मिलेगी।
बुधवार की सुबह 8:30 बजे से पिछले 24 घंटों के दौरान फोर्ब्सगंज में भारी बारिश हुई। यहाँ मौसम केंद्र ने 36.2 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की। इसके अलावा मुजफ्फरपुर, सुपौल और दरभंगा में भी हल्की से मध्यम वर्षा देखने को मिली।
झारखंड के उत्तर-पूर्वी भागों पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र सक्रिय है जिसके चलते दोनों राज्यों के उत्तर और उत्तर-पूर्वी जिलों में अगले 2-3 दिनों तक बारिश के लिए मौसमी स्थितियाँ अनुकूल बनी रहेंगी। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार इस दौरान प्री-मॉनसून वर्षा की गतिविधियां रुक-रुक जारी रहेंगी।
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स्काइमेट द्वारा जारी किए गए मौसम अलर्ट के अनुसार फिलहाल अगले 6 घंटों के दौरान अरारिया, बेगुसराई, भागलपुर, दरभंगा, किशनगंज, लखीसराय, मधेपुरा, मधुबनी, मुंगेर, नालंदा, पटना, पुर्णिया, समस्तीपुर और सुपौल में कई जगहों पर मध्यम वर्षा हो सकती है। इसी तरह झारखंड के उत्तर-पूर्वी जिलों विशेषकर जमशेदपुर, देवघर, दुमका, धनबाद, गोद्दा, साहिबगंज और पाकुर सहित आसपास के भागों में भी मौसम में हलचल होगी।
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार दोनों राज्यों में बंगाल की खाड़ी से आर्द्र हवाएँ लगातार चलती रहेंगी जिससे इन सभी भागों में 9 अप्रैल तक प्री-मॉनसून वर्षा के लिए स्थितियाँ अनुकूल बनी रहेंगी और रुक-रुक कर वर्षा होती रहेगी। दोनों राज्यों के अन्य भागों में भी बादल छाए रहने और छिटपुट वर्षा होने की संभावना से इंकार नहीं कर सकते।
बीते 2-3 दिनों से शुरू हुआ मौसमी बदलाव गर्मी से राहत दिलाने में अहम भूमिका निभा रहा है। इससे पहले बिहार और झारखंड में अधिकांश स्थानों पर लोगों को भीषण गर्मी का सामना करना पड़ रहा था। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार अगले 3-4 दिनों के लिए इस मौसमी हलचल के बीच लोगों को तेज़ गर्मी से राहत मिलेगी।
Image credit: Dailamin
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