पिछले 24 घंटों से पंजाब, हरियाणा और उत्तरी राजस्थान के अधिकांश हिस्सों में मध्यम से घना कोहरा देखने को मिला है। श्रीगंगानगर, पटियाला और अंबाला में घने कोहरे के चलते दृश्यता घटकर 500 मीटर के आसपास पहुंच गई थी। लुधियाना, हिसार और जालंधर में भी कोहरे के चलते दृश्यता में कमी आई। चंडीगढ़, दिल्ली, नोएडा सहित उत्तर भारत के अन्य मैदानी भागों में भी सुबह के समय धुंध, कुहासा और प्रदूषण की परत देखने को मिल रहा है।
दृश्यता घटने के कारण सड़कों पर यातायात व्यापक रूप में प्रभावित हुआ है। कुछ दुर्घटनाओं की भी खबर है। हालांकि इन भागों कोहरा पिछले कुछ दिनों से देखने को मिल रहा है लेकिन पिछले 24 घंटों के दौरान स्थितियाँ कोहरे के अनुकूल बनीं जिससे सोमवार की सुबह कोहरे का प्रभाव काफी बढ़ गया और कई स्थानों पर घना कोहरा देखने को मिला।
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पंजाब, हरियाणा और राजस्थान इन भागों में कोहरे के कारणों पर नज़र डालें और इसे मौसम विशेषज्ञों की नजर से देखें तो क्षेत्र में तापमान में व्यापक कमी, हवा का लगभग ना चलना और साफ आसमान की स्थिति में कोहरा बनाता है। इन भागों में इस समय न्यूनतम तापमान 12 से 15 डिग्री सेल्सियस के बीच रिकॉर्ड किया जा रहा है, आसमान भी साफ है और हवा की गति बिलकुल ना के बराबर है।
इसके चलते सुबह के समय घने कोहरे की स्थिति देखने को मिल रही है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार रात में धरती की सतह ठंडी हो जाती है, हवा शांत हो जाती है और तापमान भी कम रहता है जिससे कोहरा बनने लगता है। हवाओं की गति कम होने के चलते कोहरा काफी देर तक बना रहता है।
उत्तर भारत के मैदानी राज्य में आमतौर पर नवंबर से जनवरी के बीच घने कोहरे की स्थितियां देखने को मिलती है कभी-कभी तापमान कम होने की स्थिति में फरवरी में भी सुबह के समय कोहरा जारी रहता है। फिलहाल उत्तर भारत के इन भागों में आने वाले दिनों में भी कोहरे के लिए मौसम अनुकूल दिखाई दे रहा है। पश्चिमी विक्षोभ के आने का सिलसिला भी अब बढ़ेगा जिससे कोहरे में वृद्धि देखने को मिल सकती है।
Image credit: Mahapunjab.com
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