बीते 2 दिनों से दिल्ली और आसपास के भागों में रुक-रुक कर बारिश की गतिविधियां देखने को मिलीं हैं। लंबी प्रतीक्षा के बाद हुई यह बारिश भारी तो नहीं थी लेकिन इसके चलते दिल्ली और आसपास के भागों में सड़कों पर व्यापक रूप में जाम का नज़ारा देखने को मिला।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार मध्य प्रदेश के दक्षिण-पश्चिमी और गुजरात के भागों पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। इस सिस्टम के चलते दिल्ली और आसपास के शहरों में बारिश की गतिविधियां आगे भी संभावित हैं। इस मौसमी सिस्टम के प्रभाव से दिल्ली और इससे सटे क्षेत्रों पर दक्षिण-पूर्वी हवाओं का प्रवाह बढ़ गया है। इन हवाओं में प्रचुर मात्रा में मौजूद आर्द्रता के चलते बादल बनने और बारिश होने के लिए स्थितियाँ अनुकूल हैं।
एक तरफ जहां दक्षिण-पूर्वी नम हवाएँ पहुँच रहीं हैं वहीं दूसरी ओर हरियाणा के भागों पर उत्तर-पश्चिम से आने वाली शुष्क हवाओं का प्रवाह भी पहुँचने लगा है। दो विपरीप प्रकृति की हवाओं के मिलने के चलते हमारा अनुमान है कि दिल्ली और इसके आसपास के भागों पर बारिश वाले बादल बनते रहेंगे। जिससे कुछ स्थानों पर गरज के साथ मध्यम वर्षा दर्ज की जा सकती है।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में बारिश वाले मौसम का यह परिदृश्य अगले 48 घंटों तक बने रहने का अनुमान है। हालांकि बारिश अधिकांश स्थानों पर एक साथ नहीं होगी। कुछ-कुछ स्थानों पर अलग-अलग तीव्रता की बारिश दर्ज की जाएगी। उदाहरण के तौर पर हम कह सकते हैं कि कुछ स्थानों पर मध्यम बारिश हो सकती है जबकि कुछ इलाकों में मौसम शूखा ही बना रहेगा।
बीते 24 घंटों के दौरान हुई बारिश के आंकड़े देखें तो दिल्ली विश्वविद्यालय के पास 17 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई। उत्तरी दिल्ली के रिज क्षेत्र में भी 16.5 मिलीमीटर बारिश हुई। जबकि सफदरजंग में मात्र 2 मिलीमीटर, पालम में 2.4 मिलीमीटर और आयानगर में 2.6 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। यानि कि दिल्ली के उत्तरी और पूर्वी भागों में जहां अच्छी वर्षा हुई वहीं दक्षिणी भागों में मौसम मुख्यतः शुष्क बना रहा।
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