देश की राजधानी दिल्ली में मौसम कब कौन सी करवट ले लेगा, यह आम लोगों के लिए समझ पाना आसान नहीं। ऐसा इसलिए है क्योंकि एक ओर जहां पहाड़ों पर बदले मौसम से दिल्ली प्रभावित होती है वहीं राजस्थान सहित मैदानी राज्यों का मौसम भी दिल्ली के मिजाज़ को बदल देता है। बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से उठने वाली नम हवाएँ भी प्रभावित करती हैं।
दिल्ली में पिछले 2-3 दिनों के शुष्क और साफ मौसम के बाद बुधवार को फिर से धुंध और बादलों की वापसी हुई। इसके चलते दिन के तापमान में गिरावट आएगी जबकि रात के तापमान में हल्की वृद्धि का अनुमान है। इस बदलाव की वजहों पर अगर नज़र डालें तो जम्मू कश्मीर के पास एक पश्चिमी विक्षोभ पहुँच गया है जिसके प्रभाव से उत्तर-पश्चिमी ठंडी और शुष्क हवाओं का दिल्ली में आना कम हो गया है। हवा की रफ्तार कम होते ही धुंध और प्रदूषण के स्तर में अचानक वृद्धि देखने को मिली।
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स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार अगले 48 घंटों तक मौसम का रुख ऐसा ही बना रहेगा। राष्ट्रीय राजधानी में आंशिक बादल भी दिखाई दे रहे हैं। वरिष्ठ मौसम विशेषज्ञ महेश पालावत के अनुसार उत्तर भारत के मैदानी राज्यों के पास अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से आ रही आर्द्र हवाएँ आपस में मिल रही हैं जिसके चलते 15 से 20 हज़ार फुट की ऊंचाई पर बादल बन रहे हैं। ऐसे बादलों से बारिश की उम्मीद नहीं की जा सकती है।
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हालांकि इन बादलों के चलते दिन के तापमान में गिरावट हुई है। दिल्ली और आसपास के शहरों में अगले 48 घंटों तक इसी तरह से बादल बने रहेंगे, हवा भी कम रहेगी जिससे दिन के तापमान में कुछ गिरावट होगी। प्रदूषण के स्तर में भी बढ़ोत्तरी रहेगी। दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम, गाज़ियाबाद, फ़रीदाबाद और आसपास के हिस्सों में शरद ऋतु में मौसम में इस तरह की अचानक होने वाली तब्दीली सामान्य मौसमी घटना है।
Image credit: India Today
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