भारत अपना राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस मना रहा और राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत उत्तर भारत के क्षेत्रों में हवाओं में ठंडक और घना कोहरा अपना असर दिखा रहे हैं। 72 गणतन्त्र दिवस की परेड पर घने कोहरे और मध्यम गति की हवाओं का प्रभाव रहेगा जिसके चलते धूप का प्रभाव धरती की सतह तक जल्द नहीं पहुंचेगा जिसके कारण राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत उत्तर भारत के तमाम शहरों में शीतलहर जैसी स्थितियां देखने को मिलेंगी।
गणतंत्र दिवस का मुख्य समारोह राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के राजपथ पर आयोजित होता है और इस साल जब यह राष्ट्रीय उत्सव यानी परेड का आयोजन होगा उस दौरान सेना और अर्ध सैन्य बलों के तमाम दल, जो अपने शौर्य और पराक्रम का प्रदर्शन करने के लिए राजपथ पर उतरेंगे उन्हें भीषण सर्दी का भी सामना करना होगा। वर्तमान स्थितियों को देखते हुए अनुमान है कि संभवत परेड संपन्न होने तक कोहरा और ठंडी हवाएं जारी रहेंगी।
दिल्ली के सफदरजंग मौसम केंद्र ने 25 जनवरी को न्यूनतम तापमान 7.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया। परेड स्थल से कुछ ही पर स्थित लोधी रोड के मौसम केंद्र ने 6.4 डिग्री तापमान रिकॉर्ड किया गया। दिन का तापमान भी दिल्ली के अलग-अलग क्षेत्रों में सामान्य से काफी नीचे रहा। दिन का सबसे कम तापमान पालम में दर्ज किया गया, जहां अधिकतम तापमान सामान्य से 6 डिग्री कम 16.3 डिग्री पारा रहा। जबकि सफदरजंग में 4 डिग्री कम 18.4 डिग्री अधिकतम तापमान रिकॉर्ड किया गया।
English Version: 72nd Republic Day Celebration: Parade rise to the challenge of freeze and fog
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 25 जनवरी को जो स्थितियां रहीं, लगभग ऐसी ही स्थितियां 26 जनवरी के दिन भी अपेक्षित हैं। हालांकि हवाओं की रफ्तार और हवाओं की दिशा बदलेगी जिसकी वजह से कोहरा 25 जनवरी के मुकाबले जल्दी हटना शुरू हो सकता है। राष्ट्रीय पर्व में सम्मिलित होने के लिए राजपथ के दोनों तरफ और लाल किले तक परेड मार्ग पर सुबह 5-6 बजे से ही जुटने वाले दर्शकों को भीषण सर्दी का सामना करना पड़ सकता है।
इस समय जो मौसम उत्तर भारत में बना हुआ है उसे देखते हुए ऐसा लग रहा है कि 2021 का गणतंत्र दिवस वर्ष 2008 के बाद का सबसे सर्द मौसम के बीच आयोजित होगा। 2008 में न्यूनतम तापमान 4.1 डिग्री सेल्सियस रहा था जबकि 2009, 2010, 2014 और 2018 में घने कोहरे ने परेड को प्रभावित किया था। 2015 और 2017 में परेड समारोह के दौरान वर्षा की गतिविधियां देखने को मिली थी जबकि 2018, 2019, और 2020 के बाद यह चौथा वर्ष होगा जब परेड समारोह में बारिश नहीं होगी।
कोरोना महामारी के मद्देनजर इस बार का आयोजन पारंपरिक आयोजन से अलग होगा। सैन्य टुकड़ियों को छोटा किया गया है। साथ ही परेड की दूरी को भी घटा दिया गया है। सुरक्षा इंतजामों के मद्देनजर दिल्ली मेट्रो ने 26 जनवरी की दोपहर 2:00 बजे तक सभी स्टेशनों के आसपास उपलब्ध डीएमआरसी की पार्किंग की सुविधा को बंद कर दिया है। कुछ स्टेशनों पर दिल्ली मेट्रो की सेवाओं में बदलाव किया गया है। केंद्रीय सचिवालय और उद्योग भवन मेट्रो स्टेशन दोपहर 12:00 बजे तक बंद रहेंगे। जबकि पटेल चौक और जनपथ मेट्रो स्टेशन को सुबह 8:45 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक बंद करने के आदेश जारी किए गए हैं।
पिछले 5 दशकों से अधिक समय में यह ऐसा गणतंत्र दिवस होने जा रहा है जब इस आयोजन में कोई भी विदेशी मेहमान मुख्य अतिथि के रूप में शामिल नहीं होगा। गौरतलब है कि इस साल ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया था लेकिन तेजी से बढ़ते कोविड मामलों के चलते उनका भारत दौरा रद्द हो गया। इससे पहले वर्ष 1952, 1953 और 1966 में गणतंत्र दिवस समारोह में कोई भी मुख्य अतिथि सम्मिलित नहीं हुआ था।
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