[Hindi] भारत में समय पूर्व मॉनसून आगमन के लिए स्थितियाँ अनुकूल

May 10, 2016 7:52 PM | Skymet Weather Team

दक्षिण पश्चिम मॉनसून के लिए भारत की प्रतीक्षा जल्द ही खत्म हो सकती है क्योंकि समय पूर्व मॉनसून के आगमन के लिए परिस्थितियाँ अनुकूल दिखाई दे रही हैं। वर्तमान मौसमी परिदृश्य संकेत दे रहा है कि भारत में मॉनसून 2016 का आरंभ इसकी सामान्य समय सीमा, 1 जून से पहले हो सकता है।

स्काइमेट ने 12 अप्रैल 2016 को मॉनसून 2016 के लिए अपना पहला पूर्वानुमान जारी किया था, जिसमें समय पर मॉनसून की शुरुआत का अनुमान व्यक्त किया था। हिन्द महासागर और अरब सागर में वर्तमान समय में बनी स्थितियों के आंकलन के बाद स्काइमेट का अनुमान है कि भारत के मुख्य भू-भाग पर मॉनसून 28 से 30 मई के बीच दस्तक दे सकता है।

मॉनसून का आरंभ

इससे पहले संभावना है कि दक्षिण पश्चिम मॉनसून 18 से 20 मई के बीच अंडमान व निकोबार द्वीपसमूह पर पहुँचेगा। उसके बाद यह 28 से 30 मई के बीच केरल और पूर्वोत्तर भारत के कुछ भागों में दस्तक देगा। धीरे-धीरे मॉनसून जून के पहले सप्ताह में ही दक्षिण भारत और पूर्वोत्तर राज्यों के अधिकांश हिस्सों को अपने दायरे में ले लेगा।

स्काइमेट का पूर्वानुमान है कि मॉनसून का पूर्वी सिरा, पश्चिमी सिरा के मुक़ाबले तेज़ी से आगे बढ़ेगा। इस आंकलन के आधार पर मॉनसून के 10 जून तक कोलकाता पहुँचने की संभावना है। दूसरी तरफ पश्चिमी छोर की गति कम होने के कारण मुंबई को कुछ इंतज़ार करना पड़ सकता है और मायानगरी में मॉनसूनी बारिश थोड़ा विलंब से 12 से 14 जून के बीच शुरू हो सकती है।

गुजरात, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में मॉनसून की रफ्तार अपेक्षाकृत कम रहेगी। इन राज्यों के अधिकांश हिस्सों में 25 जून के आसपास मॉनसून के पहुँचने की संभावना है।

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में मॉनसून 1 जुलाई को दस्तक दे सकता है। यह कह सकते हैं कि पश्चिमी राजस्थान को छोड़कर देश के लगभग सभी भागों में 1-7 जुलाई तक मॉनसून का प्रसार हो सकता है। उसके पश्चात बचे हिस्सों में इसे पहुँचने में कुछ और वक्त लगेगा और यह 15 जुलाई तक बाकी भागों को भी भिगोना शुरू कर देगा।

मॉनसून के आगमन की संभावित तिथियाँ

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

मॉनसून 2016 के समय पूर्व आगमन के कारण

हिन्द महासागर में सक्रिय इंटर ट्रोपिकल कनवरजेंस ज़ोन (आईटीसीज़ेड) की उपस्थिती को मॉनसून के समय पूर्व आगमन के लिए कुछ हद तक कारण माना जा रहा है। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार समुद्री क्षेत्र में चक्रवाती हवाओं के कई क्षेत्र बने हुए हैं जो आईटीसीज़ेड से मिलकर मौसम को प्रभावित कर रहे हैं। इसके अलावा बादलों का बनना, वायुमंडल में बन रही स्थितियाँ और सामुद्रिक परिस्थितियाँ भी समय पूर्व मॉनसून के आने के लिए स्थितियाँ अनुकूल बना रही हैं। हालांकि मॉनसून के समय से पहले आने और इसके आगे बढ़ने तथा इसके प्रदर्शन में कोई सीधा संबंध नहीं है।

अल नीनो और मॉनसून 2016

वर्ष 2014 में अल नीनो विकसित हो रहा था जबकि 2015 में अल नीनो की सशक्त मौजूदगी थी इसी के परिणामस्वरूप देश को लगातार 2 वर्ष सूखा देखना पड़ा। अल नीनो इस समय कमजोर हो रहा है और अनुमान है कि यह जून के आसपास तटस्थ हो जाएगा। इसके चलते इस वर्ष मॉनसून का प्रदर्शन बेहतर रहेगा और हम उम्मीद कर रहे हैं कि 2016 के मॉनसून में सामान्य से अधिक बारिश दर्ज की जाएगी।

 

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